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मानक के अनुरूप पोषाहार नहीं

अनदेखी. विभाग मेहरबान, तो कैसे सुधरेगी आंगनबाड़ी की व्यवस्था बाल विकास विभाग कार्यालय की उदासीनता के कारण जिले के किसनपुर प्रखंड में संचालित कई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बदतर बनी हुई है. इसका खामियाजा आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. सुपौल : देश के विकास में शिक्षा का स्थान अहम है. […]

अनदेखी. विभाग मेहरबान, तो कैसे सुधरेगी आंगनबाड़ी की व्यवस्था

बाल विकास विभाग कार्यालय की उदासीनता के कारण जिले के किसनपुर प्रखंड में संचालित कई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बदतर बनी हुई है. इसका खामियाजा आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.
सुपौल : देश के विकास में शिक्षा का स्थान अहम है. स्कूली पूर्व शिक्षा हो या प्रारंभिक शिक्षा या फिर उच्च शिक्षा. सरकार द्वारा सभी स्तरों की शिक्षा व्यवस्था को सुधार लाने के लिए बेहतर प्रयास जारी है. लेकिन स्थानीय बाल विकास विभाग कार्यालय की उदासीनता के कारण जिले के किसनपुर प्रखंड में संचालित कई आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बदतर बनी हुई है. प्रखंड क्षेत्र के कई केंद्र विभागीय सांठ गांठ के कारण मनमरजी संचालित हो रहा है. मानक के अनुरूप नहीं मिल रहा है पोषाहार इसका खामियाजा आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.
ज्ञात हो कि प्रखंड मुख्यालय के कुछ दूरी पर प्राथमिक विद्यालय सोहागपुर परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 81 पर शनिवार के पूर्वाह्न 10:15 बजे कार्यालय में ताला लटका पड़ा था. वहीं आस पड़ोस के कई लोगों ने बताया कि स्थानीय विभाग व सेविका की मिली भगत के कारण कभी कभार ही ससमय आंगनबाड़ी केंद्र खोला जाता है. लोगों ने बताया कि इस केंद्र पर सेविका के रूप में शुभ कला कुमारी तथा सहायिका अनीता देवी कार्यरत है.
बताया कि सेविका के मनमरजी रवैये की शिकायत करने पर महिला पर्यवेक्षिका व सीडीपीओ कभी कभार आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचती है. लेकिन पोषक क्षेत्र के लोगों के सामने पदाधिकारी दिखावा करते हुए सेविका व सहायिका को डांट लगाकर चली जाती है.
वर्षों से अधूरा पड़ा हैं केंद्र भवन :
गौरतलब हो कि भवनहीन इस आंगनबाड़ी केंद्र को पूर्व में भवन का आवंटन दिया गया. जहां कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन मुखिया द्वारा प्राथमिक विद्यालय सोहागपुर परिसर में केंद्र भवन का निर्माण प्रारंभ किया गया. लेकिन विभागीय शिथिलता के कारण संवेदक द्वारा भवन निर्माण कार्य को अब तक पूर्ण नहीं कराया जा सका है. आलम यह है कि संवेदक द्वारा भवन निर्माण कार्य को आधा अधूरा छोड़ दिये जाने के कारण नव निर्मित भवन की स्थिति जर्जर होती जा रही है.
वहीं बाल विकास कार्यालय द्वारा अधूरे निर्माण कार्य का रिपोर्ट पंसस की बैठक में रखने की बात कह कर अपने कर्तव्य से इति श्री कर लिया जाता है. अब सवाल उठना लाजिमी है कि व्यवस्था को दुरुस्त करवाने व निचले कर्मियों से विभागीय आदेश का अनुपालन करवाने के लिए सरकार स्थानीय स्तर पर विभागीय कार्यालय संचालित कर रखा है. ऐसे में स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा मानक अनुरूप कार्य नहीं कराया जाना लोगों की समझ से परे है.
विद्यालय परिसर में नहीं बन रहा है भोजन
विभागीय उपेक्षा के कारण बच्चों को पठन पाठन के साथ समुचित तरीके से पोषाहार का लाभ नहीं दिया जा रहा है. लोगों ने बताया कि इस आंगनबाड़ी केंद्र को प्राथमिक विद्यालय सोहागपुर के प्रबंधन द्वारा विद्यालय भवन का एक कमरा उपलब्ध करवाया गया. साथ ही पोषाहार पकाये जाने का प्रबंध भी विद्यालय परिसर में ही करवाया गया. बावजूद इसके स्थानीय विभाग से मिली भगत कर पोषाहार पकाये जाने का कार्य विद्यालय परिसर में नहीं किया जा रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र के संचालिका द्वारा मनमरजी तरीके से मानक विरुद्ध कार्य किया जा रहा है.
आंगनबाड़ी केंद्र 81 पर लटका पड़ा ताला.
अजीबोगरीब जवाब
आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला लटके होने की जानकारी के बाबत पूछने पर सीडीपीओ विनीता कुमारी ने मामले से इनकार करते हुए जानकारी दी कि उनके प्रखंड क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन पूर्वाह्न नौ बजे से एक बजे तक होता है. आधे अधूरे भवन निर्माण के बारे में बताया कि इस मुद्दे को लेकर वे पूर्व में आयोजित पंचायत समिति सदस्य की बैठक में चर्चा की थी. लेकिन अब तक इस दिशा में किसी प्रकार का पहल नहीं किया गया है. हद तो तब हो गयी जब सीडीपीओ ने यह बताया कि शनिवार को जब वे केंद्र पर पहुंचे तो उन्होंने केंद्र खुला पाया.

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