सुपौल : सरकार द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त किये जाने के विरोध में रविवार को स्थानीय आंबेडकर चौक के समीप एससी व एसटी कर्मचारी संघ के जिला इकाई द्वारा एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. संघ के सदस्य दुर्बल पासवान की अध्यक्षता में आयोजित सभा का संचालन शंभु राउत ने किया. सभा को संबोधित करते हुए सदस्यों ने कहा कि भारत के संविधान की धारा 16(4)(ए) में परिणामी वरीयता के साथ प्रोन्नति में आरक्षण का प्रावधान है.
बावजूद इसके सरकार द्वारा भ्रमित कर प्रचारित किया जा रहा है कि कोर्ट के द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण पर रोक लगायी गयी है. सदस्यों ने कहा कि न्यायालय द्वारा प्रोन्नति में आरक्षण संबंधित मामले पर कहीं भी रोक नहीं लगाया गया है. न्यायालय द्वारा महज यह निर्णय पारित किया गया था कि प्रोन्नति में आरक्षण लागू करने की व्यवस्था में प्रक्रियात्मक त्रुटि हुई है सरकार उसमें सुधार लाकर प्रोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था लागू करें.
लेकिन सरकार द्वारा न्यायालय के निर्णय के विपरीत प्रक्रियात्मक भूल में सुधार करने के बजाय प्रोन्नति में दिये जाने वाले आरक्षण को ही समाप्त कर दिया गया.वक्ता जितेंद्र राम ने बताया कि कार्य अनुभव के सिद्धांत को राज्य सरकार ने पूरी तरह से अमान्य कर दिया है. जबकि इसके लिए भारतीय संविधान इसके लिए सक्षमता प्रदान करता है. कहा कि राज्य सरकार ने बेसिक ग्रेड के वरीयता के आधार पर उच्चतर पदों पर भी प्रोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया था. बताया कि किसी पद विशेष से उच्चतर पद पर प्रोन्नति का मूल आधार उक्त विशेष पद पर प्राप्त किया गया कार्य अनुभव ही होता है. बावजूद इसके सरकार द्वारा मनमरजी रवैया अपनायी जा रही है.
वक्ताओं ने कहा कि अपने हिस्से से ज्यादा हिस्सा हड़पने को रोकने के लिए आरक्षण प्रणाली भारतीय संविधान में विकसित है. ताकि पिछड़े वर्गों को संख्यानुपात में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके. सभा को लोजपा नेता विजय पासवान, शिव नारायण पासवान, सत्य नारायण रजक, रंधीर सादा, शिबू पासवान, डोमी पासवान, सूर्य नारायण राम, राम विलास साफी, डॉ महेंद्र चौधरी सहित अन्य ने भी संबोधित किया.
इस मौके पर वरीय उप समाहर्ता ब्रज किशोर लाल, इंस्पेक्टर राज किशोर बैठा, संजीव पासवान, विद्यानंद पासवान, सत्य नारायण रजक, अमर राम, मुकेश पासवान, जीवछ पासवान, निर्धन पासवान, गोविंद पासवान, रवि शास्त्री, प्रेम प्रकाश आर्या, अशोक पासवान, शंकर पासवान, श्याम सुंदर पासवान, गुरु दयाल भ्रमर, विशेश्वर पासवान, राजेश कुमार उपस्थित थे.

