अव्यवस्था . सदर अस्पताल में प्रबंधन से अधिक दलालों की चलती है
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मरीजों का हो रहा आर्थिक शोषण
अव्यवस्था . सदर अस्पताल में प्रबंधन से अधिक दलालों की चलती है स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण जिले के प्रमुख अस्पतालों में शुमार सदर अस्पताल में इन दिनों सिर्फ दलालों की ही चलती है. किस मरीज का उपचार सदर अस्पताल में होगा और किसका नहीं यह भी दलाल ही तय करते हैं. स्थिति यह […]
स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण जिले के प्रमुख अस्पतालों में शुमार सदर अस्पताल में इन दिनों सिर्फ दलालों की ही चलती है. किस मरीज का उपचार सदर अस्पताल में होगा और किसका नहीं यह भी दलाल ही तय करते हैं. स्थिति यह है कि अस्पताल में सक्रिय दलाल मरीज को स्लाइन लगे रहने के बावजूद अस्पताल कर्मियों की मिलीभगत से निजी क्लिनिक ले जाने में सफल हो जाते हैं.
सुपौल : आश्चर्यजनक पहलू यह है कि सदर अस्पताल में एक दर्जन के करीब सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इसके बावजूद यदि अस्पताल से मरीज गायब हो रहा है तो अस्पताल प्रबंधन पर उंगली उठना लाजिमी है. प्रतिदिन सदर अस्पताल से दर्जनों मरीज गायब हो रहे हैं. अस्पताल में सक्रिय दलाल कर्मियों की मिलीभगत से दिन के उजाले में अन्यत्र ले जाने में कामयाब हो जाते हैं. सोमवार को अस्पताल परिसर में सूअरों द्वारा नोंच-नोंच कर खाये गये नवजात भी इसी की परिणति बतायी जा रही है. बताया जा रहा है कि उक्त प्रसूता पहले सदर अस्पताल ही आयी थी.
लेकिन कुछ देर के बाद अचानक गायब हो गयी. इस बात को इससे भी बल मिलता है कि शनिवार को सदर अस्पताल के चिकित्सकों के सामने एक ऐसा ही मामला आया था.चिकित्सकों द्वारा काफी खोजबीन किये जाने के बावजूद मरीज का पता नहीं चल सका. इतना ही नहीं मरीज को बाहर ले जाने का कोई साक्ष्य सीसीटीवी के रिकॉर्ड में भी नहीं है. जानकारी अनुसार शनिवार को सदर प्रखंड के डभारी गांव की रीना देवी प्रसव के लिए सदर अस्पताल पहुंची थी
.ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ कन्हैया प्रसाद सिंह ने जांच के बाद उसे सामान्य प्रसव में कठिनाई की बात बताते हुए सिजेरियन ऑपरेशन की सलाह दी.चिकित्स मरीज को स्लाइन लगा कर ऑपरेशन की तैयारी में जुट गये.लेकिन जब उक्त मरीज को ऑपरेशन थियेटर ले जाने की बारी आयी तो मरीज ही उपलब्ध नहीं थी.उसी दिन राघोपुर प्रखंड के हुलास गांव से आयी एक अन्य प्रसूता के भी गायब होने की जानकारी अस्पताल प्रबंधन द्वारा दी गयी है.
दलालों के सामने बेबस है अस्पताल प्रबंधन : सदर अस्पताल में दलालों की बढ़ती गतिविधि और मरीजों के आर्थिक शोषण को लेकर विगत कुछ दिनों से प्रभात खबर अखबार में लगातार समाचार प्रकाशित किया जाता रहा है.ज्ञात हो कि अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता के कारण बिचौलिया संस्कृति अस्पताल में काम करने का एक तरीका बन चुका है.स्थिति इतनी विस्फोटक बन चुकी है कि कमीशन के चक्कर में अस्पताल के अनगिनत कर्मी इस धंधे में शामिल हो कर ना सिर्फ मालामाल हो रहे हैं बल्कि बिचौलियों के लिए कड़ी का काम कर रहे हैं.
ऐसे में सदर अस्पताल को दलालों से मुक्त करने की दिशा में सिर्फ डीएस को आदेश देने से कोई खास फर्क पड़ने की संभावना नहीं दिख रही है.दलालों का एक मजबूत गिरोह सदर अस्पताल में तैयार हो चुका है.अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी के दस-दस कैमरों के बावजूद ये दलाल अस्पताल प्रबंधन की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब हो रहे हैं.सीसीटीवी कैमरे में दलालों की गतिविधि कैद नहीं होना अस्पताल कर्मियों के नीयत की पोल पट्टी खोल रही है.
सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल पहुंच की मामले की जांच
सदर अस्पताल परिसर में सोमवार को अज्ञात नवजात के शव को सूअरों द्वारा नोंच-नोंच कर खाये जाने के मामले में प्रभात खबर द्वारा प्रमुखता से खबर प्रकाशित किये जाने के बाद मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ रामेश्वर साफी ने सदर अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की. इस दौरान सिविल सर्जन करीब दो घंटे तक अस्पताल परिसर में रह कर चप्पे-चप्पे का निरीक्षण किया.हालांकि सिविल सर्जन के जांच के बावजूद नवजात के शव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सका.
जांच के दौरान अधिकारियों ने कयास लगाया कि अस्पताल के ठीक बगल में संचालित एक महिला दलाल के निजी क्लिनिक सह आवास पर असुरक्षित प्रसव के दौरान नवजात की मौत के बाद शव को अस्पताल परिसर में फेंक दिया गया.निरीक्षण के दौरान सदर अस्पताल की व्यवस्था से खिन्न सीएस ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एनके चौधरी को सख्त निर्देश देते हुए अविलंब अस्पताल को दलालों से मुक्त करने का निर्देश दिया.सिविल सर्जन डॉ साफी ने कड़े शब्दों में डीएस को कहा कि सदर अस्पताल में बेवजह घूमने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें.
गैरकानूनी ढंग से अस्पताल में डेरा जमाये दलालों को चिन्हित कर दलालों के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज करवायें.सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ कन्हैया सिंह को विशेष अधिकार देते हुए कहा कि सदर अस्पताल को दलाल मुक्त बनाने की दिशा में ठोस प्रयास किया जाय.मरीजों का आर्थिक शोषण किसी भी कीमत पर बरदास्त नहीं किया जायेगा.निरीक्षण के दौरान प्रधान सहायक अखिलेश यादव, पवन सिंह, प्रवीण सिंह समेत कई अन्य कर्मी उपस्थित थे.
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