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प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत

प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप फोटो -16कैप्सन- शव के साथ आक्रोशित परिजनप्रतिनिधि, निर्मली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की कुव्यवस्था के कारण शनिवार को एक प्रसूता की प्रसव के बाद मौत हो गयी. हालांकि परिजन पीएचसी के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे […]

प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप फोटो -16कैप्सन- शव के साथ आक्रोशित परिजनप्रतिनिधि, निर्मली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की कुव्यवस्था के कारण शनिवार को एक प्रसूता की प्रसव के बाद मौत हो गयी. हालांकि परिजन पीएचसी के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. मृत कंचन कुमारी (21) मरौना प्रखंड के सरोजा बेला पंचायत निवासी शंभु राम की पत्नी थी. उसे प्रसव वेदना शुरू होने पर शुक्रवार की रात पीएचसी लाया गया था.एंबुलेंस मिलता, तो बच सकती थी जान सरोजाबेला पंचायत के वार्ड नंबर 02 स्थित कुल्हरिया गांव निवासी शंभु राम ने बताया कि पीएचसी में व्याप्त कुव्यवस्था एवं चिकित्सकों की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार की रात कंचन को प्रसव के लिए पीएचसी लाया गया. शनिवार को सुबह करीब 06:00 बजे कंचन ने एक बच्ची को जन्म दिया. इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. आनन-फानन में चिकित्सकों ने कंचन को रेफर कर दिया. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से एंबुलेंस के लिए अनुरोध करने पर उनके द्वारा बाहर से प्राइवेट गाड़ी किराये पर करने के लिए कहा गया. जब तक प्राइवेट गाड़ी का जुगाड़ हो पाता, कंचन की मौत हो गयी.नहीं थी महिला चिकित्सकशंभू राम ने बताया कि प्रसव के दौरान पीएचसी में पदस्थापित महिला चिकित्सक अनुपस्थित थीं. ड्यूटी पर तैनात एएनएम व अन्य कर्मियों द्वारा ही कंचन का प्रसव कराया गया. कई बार पीएचसी प्रभारी से महिला चिकित्सक को बुलाने का अनुरोध किया गया, लेकिन अंतत: महिला चिकित्सक पीएचसी नहीं पहुंची. इस वजह से कंचन का समुचित इलाज नहीं हो पाया और उसकी मौत हो गयी. पीएचसी में सुविधाओं का है घोर अभाव मौके पर उपस्थित आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि सरकारी स्तर पर अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराये जाने का दावा किया जा रहा है. पर, स्थिति यह है कि निर्मली पीएचसी में मरीजों के लिए आवश्यक सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों को केवल रेफर कर ही चिकित्सक अपने कर्तव्य का इति श्री कर लेते हैं. पीएचसी को उपलब्ध एंबुलेंस हमेशा पीएचसी से बाहर ही रहती है. इससे मरीजों को प्राइवेट गाड़ी का प्रबंध कर बाहर जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि यदि चिकित्सक ने कंचन का इलाज किया होता, तो उसकी जान बच सकती थी.कहते हैं पीएचसी प्रभारीपीएचसी प्रभारी डाॅ रामप्रसाद मेहता ने बताया कि महिला की मौत खून की कमी के कारण हुई है. गर्भावस्था के दौरान से ही महिला को एनिमिया था. पीएचसी में रक्त की अनुपलब्धता के कारण उसे डीएमसीएच रेफर किया गया. समय पर रक्त नहीं चढ़ाये जाने की वजह से उसे नहीं बचाया जा सका. महिला चिकित्सक के संबंध में उन्होंने कहा कि पीएचसी में एक मात्र महिला चिकित्सक पदस्थापित हैं. शनिवार को उनकी ड्यूटी नहीं थी, इस वजह से वह पीएचसी नहीं पहुंची थीं. पीएचसी की एंबुलेंस खराब है, जिसे मरम्मत के लिए सहरसा भेजा गया है.

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