सुपौल : भारत सरकार के पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता द्वारा बीएसएस कॉलेज के सभागार में आयोजित सात दिवसीय मेघदूतम नाट्य कार्यशाला का समापन शनिवार को हुआ. समापन के मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार शंभु शरण भारतीय तथा अरविंद ठाकुर ने प्रशिक्षुओं के बीच प्रमाणपत्र का वितरण किया. श्री भारतीय ने कहा कि मुश्किलों से पार पाने के बाद ही सफलता का आनंद मिलता है. नाट्य केवल कला नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का सलीका सिखाता है.
उन्होंने प्रशिक्षुओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की. साहित्यकार श्री ठाकुर ने कहा कि आज के युग में साधन बढ़े हैं. ऐसे में कार्यशाला के दौरान प्राप्त ज्ञान को अपने अंदर समाहित करने से प्रशिक्षुओं का भविष्य उज्ज्वल होना तय है. बाधाओं से घबराने की नहीं, बल्कि उनसे पार पाने की जरूरत है. कार्यशाला के निर्देशक राम बहादुर रेणु ने जिले में नाट्य कार्यशाला के लिए उपयुक्त स्थल उपलब्ध नहीं होने पर दुख प्रकट किया तथा उपस्थितों से इस ओर पहल का आग्रह किया.
कहा कि मुंबई में कार्य करने के बावजूद अपनी मिट्टी के प्रति उनका मोह कम नहीं हुआ है और कोसी क्षेत्र में रंगमंच के विकास व समृद्धि के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहेंगे. कार्यशाला के विधिवत समापन की घोषणा सह निर्देशक महुआ सेन बहादुर ने किया. इससे पूर्व प्रशिक्षुओं ने कहानी शापित गांव की प्रेम कथा, कीलें, बिंदु का अनुभव व बंटी की कहानी का नाट्य प्रस्तुतीकरण किया. इस अवसर पर कार्यशाला प्रभारी संतोष कुमार सिंह, बलेंद्र प्रसाद यादव, हरे कृष्ण यादव, सुशील कुमार सुमन सहित प्रशिक्षु अमित अंशु, मिथुन कुमार गुप्ता, बंटी, नवीन, अंशु प्रिया, साईं अंश, रोशन, भावना, श्याम सुंदर, श्याम, प्रशांत, इंदल, हमीदा, साधना, बिंदु, मीनू, गौरी, रानी, अवधेश, आशिक, आर्यण, संजय आदि उपस्थित थे.