राघोपुर : प्रखंड अंतर्गत हुलास पंचायत के वार्ड नंबर 13 बिचारी गांव जहां अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी आज भी एक अदद पक्की सड़क के लिए ललायित है. आलम यह है कि यहां के मतदाताओं को 02 किलीमीटर दूर स्थित हुलास मध्य विद्यालय के मतदान केंद्र पर पैदल जाकर मताधिकार का प्रयोग करने को मज़बूर होना पड़ता है.
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सड़क नहीं, तो वोट नहीं पर लोग अडिग
राघोपुर : प्रखंड अंतर्गत हुलास पंचायत के वार्ड नंबर 13 बिचारी गांव जहां अल्पसंख्यकों की बड़ी आबादी आज भी एक अदद पक्की सड़क के लिए ललायित है. आलम यह है कि यहां के मतदाताओं को 02 किलीमीटर दूर स्थित हुलास मध्य विद्यालय के मतदान केंद्र पर पैदल जाकर मताधिकार का प्रयोग करने को मज़बूर होना […]
स्थानीय अवकाश प्राप्त शिक्षक हाजी नूर आलम कहते हैं कि यहां के लोगों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना से आजादी के लंबे अंतराल में बिचारी गांव पिछड़े व कमजोर वर्ग और अल्पसंख्यकों को नली-गली योजना से बालू के सड़क को पक्की सड़क नसीब होगा.
लेकिन यह उम्मीद भी पूरा नहीं हो सका. मो सऊद आलम कहते हैं कि राघोपुर प्रखंड मुख्यालय से विश्व बैंक की सड़क जो गद्दी, हुलास, राधानगर होते हुए सौराजान के रास्ते में भेंगाधार नदी पर बने पुल से कच्ची धूलभरी सड़क को जाती है.
लगभग चार किलोमीटर दीपनगर पूरनदेही तक जाती है. उत्तर में कुछ कच्ची सड़क को पक्कीकरण तो किया गया. परन्तु अभी भी लगभग दो किलोमीटर धूलभरे कच्चे रास्ते से लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने को मजबूर होना पड़ता है. जबकि उक्त गांव में दो आगनबाड़ी केंद्र और एक सरकारी विद्यालय भी अवस्थित है. वहीं इस रास्ते से विद्यालय के छोटे-छोटे बच्चों को विद्यालय जाने में भी परेशानी उठानी पड़ती है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब-जब पंचायत, विधानसभा और लोकसभा का चुनाव आता है तो नेतागण गांव वालों को कच्ची सड़क को पक्कीकरण करने का आश्वासन देते हैं. लेकिन चुनाव जीतने के बाद अपने वायदे को भूल जाते हैं. ग्रामीणों का साफ कहना है कि जब तक गांव की धूलभरी कच्ची सड़क नहीं बनेगी वोट का बहिष्कार करेंगे.
अथवा नोटा बटन दबाएंगे. ग्रामीण मो तनवीर, मो अफरोज आलम, मो कुद्दुस, मो एहसान, मो आफताब, यूनुस रहमानी, पायल कुमार चौधरी, नवीन कुमार चौधरी, मो शमसुज्जमा, उमेश सादा आदि ग्रामीण भी सड़क की खराब हालत के लिए नेताओं से काफी नाराज होकर सड़क नहीं तो वोट नहीं तथा उम्मीदवारों को सबक सिखाने की बात कहते हैं.
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