प्रतिनिधि, सीवान. शहर के मखदूम सराय स्थित सैनिक मॉडल स्कूल में रविवार को अंजुमन उर्दू हिंदी साहित्य के तत्वावधान में फरोग-ए-उर्दू विषय पर सेमिनार का आयोजन शायर कमर शिवानी की अध्यक्षता में हुआ. उर्दू के फरोग पर प्रकाश डालते हु कमर शिवानी ने उर्दू को एक तहजीब बताया और कहा कि बच्चों में उर्दू के प्रति शौक पैदा करने की जरूरत है. जिसे देश की एकता मजबूत होगी. सैनिक मॉडल स्कूल के निदेशक राजन साहब ने कहा कि उर्दू किसी खास कौम की भाषा नहीं, बल्कि आम जनता की जूबान है. बच्चों को उर्दू की पत्रिकायें पढ़ने के लिए प्रेरित करनी चाहिए. सैयद आरिफ हसनैन ने उर्दू को किसी धर्म विशेष की भाषा न बता कर दिल को जोड़ने वाली भाषा बताया. वहींं मो. मुईज ने उर्दू को मीठी जुबान बताया. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी सह मुशायरे का आयोजन किया गया. जिसका संचालन मो. रेहान ने किया. मो.मुस्ताक की गजल मुझसे मेरे हुनर की नुमाईश हो सकी, खूब सराही गई. अजय कुमार अजीत की गजल रहना जहां भी दोस्त तुम फूल मोहब्बत के खिलाए रखना, रूखे मौसम चाहे जो भी हो चिराग मोहब्बत का जलाए रखना ने सबको भाव विभोर कर दिया. डॉ एफए आजाद ने भी अपने विचार से सबका मन जीत लिया. मो. अर्शद की गजल हिज्र में रात लज्जत को तरस जाओगे, मैं चला जाऊंगा तो राहत को तरस जाओगे सुनाकर वाहवाही बटोरी. डॉ प्रविंद की रचना यही अपनों की बस्ती है सुनाकर श्रोताओं का दिल जीत लिया. सफीर मखदुमी की गजल शबा ने कली से कहा जाने क्या, हंसी फिर ख्याल में सो गई नाटिया सराही गयी. हिदायतुला की रचना हुब्बे अहमद देखिये अपना करीना देखिए, देखना है जन्न्त तो पहले मदीना देखिए ने खूब वाहवाही बटोरी. आरिफ शिवानी ने अपनी गजल घर के मेरे दर्द, वो दीवार का किस्मत चमका, चांद तारों की तरह इनको दरख्शां कर दे सुना कर खूब तालियां वटोरी. कमर शिवानी की गजल खुशबुओं का सबाब हो जाए सुन श्रोता झूम उठे. मो. मुईज की रचना जमाने हकीकत से हम बोलते हैं मगर इस तरह लोग कम बोलते हैं से महफिल गुंज उठी. धन्यवाद ज्ञापन सैयद आरिफ हसनैन ने किया.
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