प्रतिनिधि,गुठनी. विधानसभा चुनाव का शोर थमते ही अब अगले साल होनेवाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गयी है. जिसके चलते पंचायती राज विभाग ने प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी हैं. चर्चा के अनुसार पंचायत चुनाव अप्रैल से जुलाई 2026 के बीच कराये जाने की संभावना है. स्थानीय राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई हैं और संभावित प्रत्याशी अपने–अपने क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान शुरू कर चुके हैं. बिहार में पंचायत चुनाव हमेशा से बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावशाली माने जाते हैं, क्योंकि गांव की सत्ता का आधार मुखिया, सरपंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और पंच जैसे पदों पर टिका होता है. इसी कारण विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद अब सभी की नजरें पंचायत चुनाव पर टिक गई हैं. इस बार पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर में बड़े बदलाव की संभावना है. बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 और पंचायत निर्वाचन नियमावली के अनुसार प्रत्येक 10 वर्ष में आरक्षण रोस्टर बदला जाता है. 2026 में होने वाला यह बदलाव कई पंचायतों में पदों के आरक्षण वर्ग को बदल सकता है. इससे महिला,अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति एवं सामान्य श्रेणी के आरक्षण में फेरबदल के आसार हैं. यही वजह है कि प्रत्याशी अपने पंचायत क्षेत्र के संभावित आरक्षण को लेकर सक्रिय हैं. हालांकि आधिकारिक अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन प्रखंड क्षेत्र में संभावित उम्मीदवार जनसंपर्क तेज कर रहे हैं. सामाजिक कार्यक्रमों में भी राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ गई हैं. माना जा रहा है कि इस बार पंचायत चुनाव का मुकाबला बेहद कड़ा और दिलचस्प रहेगा. दिसंबर–जनवरी से मतदाता सूची के अद्यतन का काम शुरू होगा. इसके बाद वार्डवार मतदाताओं का विखंडन कर नई सूची तैयार की जाएगी तथा मतदान केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा.
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