प्रतिनिधि, महाराजगंज स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता के कारण शहर सहित अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों में बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले पैथोलॉजी का संचालन किया जा रहा है.जहां मानक को ताक पर रख बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के देखरेख में मरीज का की बीमारी में होने वाली जांच को सहजता के साथ किया जा रहा है. एक दर्जन से अधिक पैथोलॉजी का संचालन तो शहर में हो रहा है अनुमंडल के लगभग सभी प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग पदाधिकारी का कार्यालय है, उनके इर्द-गिर्द ही किया जा रहा है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहर सहित अनुमंडल के विभिन्न क्षेत्र में 50 से अधिक छोटे-बड़े पैथोलॉजी का संचालन किया जा रहा है.स्वास्थ्य विभाग से अधिकांश पैथोलॉजी का रजिस्ट्रेशन अपडेट नहीं है.अनुमंडल अस्पताल में संचालित लैब में अधिकांश जांच उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अनुमंडल अस्पताल सहित विभिन्न सरकारी अस्पताल के मरीज भी इन निजी पैथोलॉजी में चिकित्सक परामर्श के अनुसार अपना जांच करवा रहे हैं. जानकारी के अनुसार पैथोलॉजी चलाने के लिए अब एमडी पैथोलॉजिस्ट योग्यता होना जरूरी है.नाम नहीं छपाने के शर्त पर स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कोई गैर योग्यता धारक व्यक्ति पैथोलॉजी नहीं चला सकते हैं. यदि किसी लेबोरेटरी में रिपोर्ट पर पीजी पैथोलॉजिस्ट का हस्ताक्षर नहीं है तो उस जांच रिपोर्ट को गलत माना जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जहां टेस्ट के लिए सैंपल एकत्र किए जाते हैं लैब पर 30 या इससे अधिक सैंपल एकत्र होते हैं तो वहां एमबीबीएस चिकित्सक तैनात होना अनिवार्य है. जबकि अनुमंडल में इस नियम का लैब संचालक धज्जी उड़ा रहे हैं. बोले अधिकारी बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित पैथोलॉजी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. कार्रवाई व छापेमारी के लिए प्रशासनिक अधिकारी के सहयोग से टीम का गठन किया जायेगा. -डॉ विपिन कुमार सिन्हा,प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पीएचसी, महाराजगंज
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