प्रतिनिधि, सीवान. डायट व सीटीइ में सोमवार से आयोजित प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण का समापन शनिवार को हो गया. समापन में एनसीआरटी के डायरेक्टर के संबोधन हुआ व प्रमाण पत्र वितरण किया गया. प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को चेतना सत्र, शिक्षा नीति, पाठ्य चर्या की रुपरेखा, 21वीं सदी के कौशल विकास, आपदा प्रबंधन, पाठ टीका, इ-लॉट्स, पॉक्सो एक्ट, शिक्षण में आने वाली चुनौतियों आदि पर चर्चा की गयी. डायट के प्रिंसिपल डॉ शिशुपाल सिंह ने कहा कि यह ट्रेनिंग नयी शिक्षण विधियों व तकनीकी, कक्षा प्रबंधन व नयी शिक्षा नीतियों से शिक्षकों को लैस कराने पर आधारित थी. उन्हें उम्मीद जतायी कि शिक्षकों ने जिस तन्मयता के साथ प्रशिक्षण लिया है, उसे धरातल पर उतारकर बच्चों का भविष्य उज्ज्वल करेंगे. कहा कि कार्यशाला की बातें धरातल पर उतरेंगी, तभी कार्यशाला की सार्थकता पूरी होगी. इस दौरान व्याख्याताओं ने बताया कि यह ट्रेनिंग पब्लिक स्पीकिंग, प्ले बेस्ट लर्निंग, सामाजिक भावनात्मक शिक्षा कक्षा, संस्कृति व प्रबंधन, लैंगिंक सामानता, वित्तीय साक्षरता, आपदा प्रबंधन, ट्रॉमा सूचना शिक्षण व मनो सामाजिक सहायता जैसे विषयों पर केंद्रित है. ये सभी घटक शिक्षकों को समकालीन शिक्षण कौशल विकसित करने, शिक्षार्थियों की भावनात्मक आवश्यकताओं को समझने, एक समावेशी और प्रेरणादायक कक्षा वातावरण तैयार करने में सक्षम बनायेंगे. प्रशिक्षण में बड़हरिया, आंदर, भगवानपुर व बसंतपुर के करीब 419 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया. मौके पर डॉ ओंकारनाथ मिश्र, नवीन कुमार, हरिनाथ पांडेय, डॉ ज्योति श्रीवास्तव, राकेश यादव, बंटी कुमारी, खुशबू मिश्रा, सोनी तरन्नुम, संजय कुमार सिंह, डॉ रामकृष्ण, शीतांशु कुमार, आरपी सिंह, नागेंद्र राय, अजीत प्रसाद, राजेश कुमार, शालिनी राज गोस्वामी आदि उपस्थित थीं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है