सिसवन. प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल परिसर में करीब 6.7 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनाया गया है. दो सप्ताह इसका उद्घाटन किये हुए हो गया है. दावा किया गया था कि यहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. परंतु अबतक नये भवन में इलाज की सुविधा बहाल नहीं की गयी है.अब भी रेफरल अस्पताल के पुराने भवन में ही मरीजों का इलाज किया जा रहा है. जहां, सुविधाओं की काफी कमी है. इसके कारण इलाज के लिए आने वाले मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड के लोगों का कहना है कि उद्घाटन करने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ स्थानीय विधायक कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास भी मौजूद थे. नेताओं ने कहा था कि नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बन जाने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड मशीन एक अस्पताल कर्मी ने बताया कि पुराने रेफरल अस्पताल में, अल्ट्रासाउंड मशीन पिछले कई वर्ष से है और इसके लिए अलग से कक्ष भी बना है. इसके बाद भी रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अभी तक नहीं की गयी है. इस कारण यह मशीन धूल फांक रही है और मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. मरीज निजी सेंटरों पर जाकर अल्ट्रासाउंड कराने को मजबूर हैं.उधर, शिकायतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का ध्यान इस तरफ नहीं है. इन सेवाओं की है जरूरत अस्पताल में, स्किन, नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ, सर्जरी, इमरजेंसी सर्विस, लैब, ब्लड बैंक आदि की सख्त जरूरत है .इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट सहित सर्जरी शुरू करने की भी जरूरत है. बेहतर चिकित्सा के लिए अस्पताल में सिटी स्कैन, ड्रेसर इमरजेंसी स्टाफ और आधुनिक ओटी की भी जरूरत है. बोले जिम्मेदार- निर्बाध बिजली बहाल रखने के लिए नया जेनरेटर लगा दिया गया है. ट्रांसफॉर्मर लगने के बाद नये भवन में स्वास्थ्य सेवाएं बहाल कर दी जायेगी. जितेंद्र कुमार, प्रबंधक रेफरल अस्पताल, सिसवन
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