प्रतिनिधि,सीवान. जिले में मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना को लेकर नयी पहल शुरू की गई है. जिसके तहत ताड़ के पेड़ों और उनके मालिकों की पहचान कर उन्हें एक संगठित व्यवसाय से जोड़ना है. जिले में अब तक 185 टैपर्स लोगों को लाइसेंस दिया जा चुका है. उत्पाद अधीक्षक गणेश चंद्रा ने बताया कि नीरा संवर्धन योजना के अंतर्गत ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों को मुख्यधारा में शामिल करना है. जिले में ताड़ी का व्यवसाय करनेवाले लोगों को इससे लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए जिले के विभिन्न प्रखंडों में जीविका समूहों की मदद से बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण कराया गया है. सर्वे का मुख्य मकसद ताड़ के पेड़ों, उनके मालिकों और ताड़ी उतारने वाले टैपरों का डाटाबेस तैयार करना है ताकि उन्हें नीरा उत्पादन से जोड़ा जा सके. इस कार्य में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ताड़ के पेड़ों की अच्छी संख्या है. गर्मी के दिनों में इन पेड़ों से पारंपरिक रूप से ताड़ी निकाली जाती है. जिसे लोग कच्चे रूप में पीते हैं लेकिन अब सरकार का प्रयास है कि इसी ताड़ी को नीरा के रूप में स्वच्छ, सुरक्षित और पौष्टिक पेय बनाकर बाजार में बेचा जाए. काउंटरों के माध्यम से ताजा नीरा की होगी बिक्री योजना के अंतर्गत नीरा संग्रहण करने वाले टेपर्स को प्रति लीटर नीरा पर 35 रुपये का भुगतान किया जाएगा इसमें से 8 रुपये टेपर्स को और 3 रुपये पेड़ मालिक को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किये जायेंगे. यह पहल ताड़ के पेड़ों के संरक्षण को भी बढ़ावा देगी तथा पेड़ मालिकों को भी आय का अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध करायेगी. बताया जाता है कि नीरा उत्पादन की दृष्टि से उपयुक्त क्षेत्र सीवान है. इस योजना के तहत विशेष रूप से चुना गया है. जिले के 19 प्रखंडों में तकरीबन आठ हजार से अधिक ताड़ो में 2500 ताड़ के पेड़ों से नीरा का संग्रहण किया जायेगा इसके अतिरिक्त, नौ अस्थायी बिक्री काउंटर और छह स्थायी बिक्री काउंटर स्थापित किए जाएंगे. जिससे स्थानीय नागरिकों को नीरा आसानी से उपलब्ध हो सके. इन बिक्री काउंटरों के माध्यम से ताजा नीरा बिक्री की जायेगी,. नीरा स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ मधुमेह व अन्य रोगों के लिए लाभकारी माना जाता है. इस वर्ष 240 को लाइसेंस देने का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष में जिले में जीविका द्वारा 240 टैपर्स को अनुज्ञप्ति देने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें 185 लोगो को लाइसेंस दिया जा चुका हैं. उन्हें पंचायत स्तर पर नीरा बिक्री काउंटर खोलने की अनुमति दी जायेगी.ये काउंटर जीविका समूहों की मदद से लगाये जाएंगे जहां से स्थानीय लोग नीरा की बिक्री कर सकेंगे. इस योजना में ताड़ी उतारने वालों को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा है. जीविका के माध्यम से इन लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे वे वैज्ञानिक तरीके से नीरा निकाल सकें और अधिक आमदनी कर सकें विभाग द्वारा योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है. नीरा उत्पादन को बढ़ावा मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना के तहत नीरा उत्पादन को बढ़ावा देना एवं मद्य निषेध नीति को प्रभावित ढंग से लागू करना है. जिले में योजना का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से सुनिश्चित किया जा रहा हैं. गणेश चंद्रा , उत्पाद अधीक्षक, सीवान
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