प्रतिनिधि सीवान. विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था, मध्याह्न भोजन योजना व विकास कार्यों में शिक्षा समिति का अहम भूमिका होती है.सभी प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षा समिति का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. लेकिन शिक्षा समिति का गठन नहीं हुआ है. जबकि विद्यालयों के विकास के लिए नए वित्तीय वर्ष में राशि भी आवंटित हो चुकी है. राशि का खर्च किस मद में कैसे होगा, इसपर शिक्षा समिति के सदस्य, शिक्षक चर्चा कर निर्णय लेते है. लेकिन अभी तक किसी विद्यालय में शिक्षा समिति का गठन नहीं किया गया. इसका कारण जानने की कोशिश की गई, तो पता चला कि अभी तक समिति गठन करने के लिए शिक्षा विभाग के मुख्यालय से निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. विभाग एवं विद्यालयों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रारम्भिक विद्यालयों में 9 सदस्यीय शिक्षा समिति का गठन हुआ था, जिसका कार्यकाल तीन साल के लिए था. तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है. प्रधानाध्यापकों ने बताया कि शिक्षा समिति के सदस्यों में कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले छात्रों के महिला अभिभावक को शामिल कराया जाता है.पोषक क्षेत्र के वार्ड सदस्य समिति के अध्यक्ष होते है. महिला सदस्यों में से एक सदस्य को सचिव चुना जाता है. प्रधानाध्यापक पदेन सदस्य होते है. प्रधानाध्यापकों का कहना है कि विद्यालय शिक्षा समिति के चुनाव के बाद कई पढ़ने वाले छात्र आगे की कक्षाओं में चले गए हैं.वही कई दूसरे विद्यालय में अपना नामांकन कर लिए है. ऐसे में समिति के सदस्य बने उनके अभिभावक अब रुचि नहीं ले रहे है.इस कारण काम प्रभावित हो रहा है. हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विद्यालय शिक्षा समिति के गठन के लिए अभी तक निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है. समिति का कार्यकाल अब समाप्त हो गया है. जैसे ही निर्देश प्राप्त होगा, विद्यालय शिक्षा समिति का गठन करने की दिशा में पहल की जायेगी.
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