प्रतिनिधि, महाराजगंज. मई में सूरज की बढ़ती तेज तपिश व बह रहे तेज लू के थपेड़ों के बीच क्षेत्र का तापमान 39 डिग्री तक पहुंचने के बाद आम इंसान के साथ बेजुबान मवेशियों की पीड़ा भी लगातार बढ़ती दिख रही है. गुरुवार को आलम यह रहा कि सुबह 10 बजे के बाद क्षेत्र की सड़कें जहां सुनी रही, वहीं गांव के बधार में लोग दूर-दूर तक नजर नहीं आये. सबसे ज्यादा परेशान पानी की तलाश में पशुपालकों को हुई. वह पिछले एक माह से अपने मवेशियों की प्यास बुझाने को लेकर पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहे. क्षेत्र के पशुपालक अक्सर चंवर में मवेशियों को चराने आते हैं. लेकिन नहर में पानी नहीं होने के चलते प्यास बुझाने को लेकर बधार में किसानों के लगाए गये सबमर्सिबल पंप से गड्ढे में एकत्रित हुए पानी से बुझती है, किंतु नहर के सूखे होने व ग्रामीणों द्वारा ज्यादातर ताल पोखर को पाटकर आशियाना बना लेने के चलते पानी की समस्या गंभीर हो गयी है. प्यास बुझाने को लेकर नीलगाय व वन सुअर सहित अन्य जानवर प्यास बुझाने को लेकर इधर उधर भटक रहे हैं. किसानों ने बढ़ती तपिश को देखते हुए सिंचाई विभाग से नहरों में थोड़ा-थोड़ा पानी छोड़ने की मांग की है, जिससे कि मवेशियों व वन्यजीवों की प्यास आसानी से बुझ सके.
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