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सभी सरकारी कार्यालय होंगे पेपरलेस

तकनीकी क्षमता का विस्तार करते हुए कार्यक्षमता को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया गया है. वह दिन दूर नहीं जब सीवान भी डिजिटल इंडिया का हिस्सा होगा और एक क्लिक में कार्य निष्पादन हो जायेगा. सरकारी कार्यालयों में इ-ऑफिस के जरिए सभी कार्यकलाप जल्द ही शुरू किये जायेंगे.

मनीष गिरि, सीवान. तकनीकी क्षमता का विस्तार करते हुए कार्यक्षमता को प्रभावी बनाने की दिशा में प्रयास तेज कर दिया गया है. वह दिन दूर नहीं जब सीवान भी डिजिटल इंडिया का हिस्सा होगा और एक क्लिक में कार्य निष्पादन हो जायेगा. सरकारी कार्यालयों में इ-ऑफिस के जरिए सभी कार्यकलाप जल्द ही शुरू किये जायेंगे. मुख्यालय के सभी विभाग सहित प्रखंड व अंचल कार्यालय डिजिटल होंगे और पेपरलेस वर्क भी होगा. इ-ऑफिस क्रियान्वयन की दिशा में जिला पदाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता की अगुवाई में काम शुरू कर दिया गया है. इसको लेकर गुरूवार को अधिकारियों की एक बैठक भी हुई. जिला पदाधिकारी का कहना है कि इ-ऑफिस सरकारी कार्यालयों में एक सरलीकृत, उत्तरदायी, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी कार्यप्रणाली प्राप्त करने का माध्यम है. इ-ऑफिस की गति व दक्षता न केवल विभागों को त्वरित निर्णय लेने में सहायता करेगी बल्कि गुड गवर्नेंस की दिशा में सुखद परिणाम निकलकर सामने आयेगा. सचिवालय स्तर पर इ-आफिस शुरू होने के बाद जिलास्तर पर इसे लागू किया जा रहा है. विभागों के बनाये जा रहे यूजर आइडी पासवर्ड- जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी राजीव कुमार सिंह की मानें तो इ-ऑफिस की दिशा में कार्य तेज करते हुए सभी विभागों के यूजर आइडी व पासवर्ड बनाने करने का काम शुरू कर दिया गया है. यूजर आइडी व पासवर्ड बन जाने होने के पश्चात सभी विभागों को ई-ऑफिस साफ्टवेयर से जोडा जायेगा. जोड़ने के साथ ही एक अधिक कुशल इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के साथ-साथ फ़ाइलों की मौजूदा मैन्युअल हैंडलिंग की सुविधाओं का विस्तार होगा. ऐसे होगा कार्य- विभागों के इ ऑफिस साफ्टवेयर से जुड़ने के साथ ही एक फाइल में काम करने के सभी चरण शामिल हो जायेंगे. जिसमें स्कैनिंग, इलेक्ट्रॉनिक डायरीकरण, फाइल निर्माण, नोटिंग निर्माण, नोटिंग और ड्राफ्ट पर डिजिटल हस्ताक्षर, प्रेषण, तेजी से प्रसंस्करण और फाइलों और रसीदों की आवाजाही, फाइलों और रसीदों को बंद करना आदि शामिल है. इ ऑफिस के फायदे- इ ऑफिस के जरिये जहां पेपरलेस कार्य को गति मिलेगी, वहीं किसी मसले पर विभाग को त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगा. साथ ही डेटा सुरक्षित रहेगा और उससे कोई छेड़छाड़ नहीं कर पायेगा. कर्मियों के समय व उर्जा को बचाकर दूसरे कार्य में उपयोग किया जा सकेगा. विभागों में इसकी पड़ेगी जरूरत- इ-ऑफिस कार्य शुरू करने के लिए जिस संसाधन की जरूरत पड़ेगी उसमें इंटरनेट प्रमुख है. इसके बाद कंप्यूटर व स्कैनर इसके प्रमुख अंग होंगे. इ-ऑफिस क्लाऊड बेस्ड एप्लीकेशन के अधीन कार्य करता है, जिसे किसी भी जगह एक्सेस किया जा सकता है. सभी विभागों को संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे है. पहले शुरू करने वाले होंगे सम्मानित प्रखंड स्तर पर वैसे कार्यालय जो पहले इ-आ्फिस में अपने कार्यालय को परिवर्तित करेंगे, उन्हें जिला प्रशासन द्वारा प्रशस्ति पत्र के साथ नगद पुरस्कार भी दिया जायेगा. बोले अधिकारी विभागों को डिजिटल करते हुए इसे ई-ऑफिस में परिवर्तित किया जा रहा है. इससे जहां त्वरित कार्य का निष्पादन हो सकेगा, वहीं गुड गवर्नेस की परिकल्पना को बल मिलेगा. मुकुल कुमार गुप्ता, डीएम

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