प्रतिनिधि, सीवान. शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें कुल 822 मामलों का निष्पादन हुआ. फौजदारी के 354 ग्राम कचहरी के 59 एवं बैंकों के मामले कुल मिलाकर 822 मामलों का निष्पादन हुआ. बैंकों ने कर्ज दाताओं के लिए लगभग 2 करोड़ का लक्ष्य रखा था जिसमें उन्होंने अधिकतम अंश प्राप्त किया तथा पक्षकारों ने किस्त में भुगतान के शर्त पर अपने मामलों का ऑन द स्पॉट निस्तारण कराया. इसके पूर्व प्रधान जिला न्यायाधीश मोतीश कुमार ने विभिन्न विभागों के पदाधिकारी को अपने व्यवहार में लचीला रवैया अपनाने की अपील करते हुए अधिकाधिक मामलों का निस्तारण के लिए सबका आह्वान किया,वही उन्होंने कहा कि यह उचित समय है कि सभी पक्ष अपने भेदभाव को बुलाकर कुछ क्षणों में अपने मामलों को निष्पादन कराकर कचहरी के चक्कर से मुक्ति पाये. उद्घाटन सत्र को पुलिस कप्तान के अलावे संघ के अध्यक्ष शंभुदत्त शुक्ला प्रभारी सचिव राजकुमारी रीना एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारी ने संबोधित किया. मंच का संचालन प्राधिकार के सचिव न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह ने किया. मामलों के निस्तारण के लिए कुल 13 न्यायिक बेंचों का गठन किया गया था प्रत्येक बेंच में एक-एक न्यायिक पदाधिकारी के अलावे पैनल अधिवक्ता भी उपस्थित थे. न्यायिक पदाधिकारियों में प्रिंसिपल जज मनोज कुमार, अपर जिला न्यायाधीश संतोष कुमार, शशि भूषण कुमार, सिविल जज अभिषेक कुमार, मनोज कुमार, हेमंत कुमार, बबीता कुमारी, अमन पपनानी, रवि कुमार के अलावा एसडीजेएम सुरभि सिंघानिया, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी कमलेश कुमार सिंह, अजय कुमार मिश्रा, शुभम कुमार एवं सहयोगी पैनल अधिवक्ता के रूप में क्रमशः मनोज कुमार सिंह, अनिल मणि त्रिपाठी, अनिल कुमार सिंह, गणेशाराम, परशुराम सिंह, उत्तम कुमार सिंह, संगीता सिंह, त्रिलोकी नाथ पांडे, प्रमोद रंजन, राजकुमारी देवी, जीवनाथ पाठक, ब्रजेश कुमार दुबे एवं कुमार रजनीश के सहयोग से मामलों का निस्तारण किया गया. प्रधान जिला न्यायाधीश मोतिश कुमार अपर जिला न्यायाधीश शशि भूषण कुमार संतोष कुमार प्राधिकार के सचिव सुनील कुमार एवं अन्य न्यायिक पदाधिकारी ने प्रत्येक बेंच में जाकर कार्यों की समीक्षा किया तथा मामलों की निष्पादन में आ रही कानूनी अड़चनों का हल निकालकर त्वरित निष्पादन के लिए दिशा निर्देश भी दिया. इस अवसर पर कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी उपस्थित थी. मामलों के निस्तारण में दूर बैठे पक्षकारों से वीडियो कॉलिंग कर जानकारी ली गई और मामलों का निस्तारण किया गया. लोक अदालत के पेशकार रंजीत दुबे, दीपक मिश्रा, अतुल कुमार, सुनीति श्रीवास्तव, मनीष कुमार, बलवंत कुमार, प्रभात कुमार, जयप्रकाश प्रसाद आदि ने प्रत्येक कोर्ट रूम में जरूरी कागजात, पंचाट आदि उपलब्ध कराते रहे. समापन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान जिला न्यायाधीश मोतिश कुमार ने इस कार्य में लगे सभी न्यायिक पदाधिकारी कार्यालय कर्मचारी मीडिया कर्मियों अधिवक्ताओं को उनके परिश्रम के लिए बधाई दी और कहा कि बिना उनके सहयोग के यह सफलता हासिल नहीं की जा सकती थी. धन्यवाद ज्ञापन अधिवक्ता गणेश राम ने किया.
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