खेत-खलिहान व नदी-नहरों में भी आंशिक पानी
सीतामढ़ी. जिले में शनिवार की रात से शुरु बारिश लगातार रविवार को दिन-रात बरसने के बाद सोमवार की दोपहर तक बरसी. इस मॉनसून के अंत में जिलेवासियों ने तीन दिनों तक झपसी को देखा. इस दौरान कभी कुछ देर के लिये झमाझम बारिश होती रही, तो शेष समय लगातार झपसी लगा रहा. हालांकि, बारिश का सिलसिला पिछले एक सप्ताह से जारी है, लेकिन आसमान में बादलों के जमावड़े व लगातार बारिश के चलते पूरे ढ़ाई दिन तक धूप नहीं खिली. सोमवार को दोपहर करीब 2.00 बजे जाकर बारिश का सिलसिला रुका. इस दौरान दरार पड़े खेतों में तो आंशिक रूप से पानी भरा ही, जो धान के लिये संजीवनी के समान है, सूख चुके नदी, नहर व खेत-खलिहानों में भी आंशिक रूप से पानी भर गया. किसान पंकज सिंह, रामएकवाल सिंह, गोपाल महतो व चंदन कुमार ने बताया कि इन तीन दिनों में बारिश की फुहाड़ पड़ी. झपसी लगा रहा. यह पानी धान के पौधों में जान ला दी है. वन क्षेत्र हरा-भरा दिखने लगा है. धान के खेतों में हरियाली दिखने लगी है. पीले पड़ रहे धान के पौधों में फिर से हरियाली देखने को मिल रहा है. इस बारिश से भू-जल स्तर उपर आया है. यही कारण है कि गांव-गांव में महीनों से सूख चुके सैकड़ों चापाकलों में से कई चापाकलों में से पानी गिरने लगे हैं. वहीं, जिस चापाकलों से पानी कम आता था, उन चापाकलों से अब अधिक पानी देने लगा है. दोपहर के बाद बादलों के तितर-बितर होने से दो-तीन घंटे के लिये धूप भी खिली. हालांकि, शाम ढ़लते-ढ़लते आसमान में फिर से बादल छा गये. जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक डॉ राम इश्वर प्रसाद ने बताया कि पिछले एक सप्ताह के अंदर ठीक-ठाक बारिश हुई है, जो धान के पौधों समेत अन्य फसलों के लिये काफी लाभकारी साबित होगा. अगले दो-तीन दिन इसी तरह की आंशिक बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है.
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