सीतामढ़ी/रीगा. बिहार ग्रामीण बैंक, बभनगामा (रीगा) के शाखा प्रबंधक विवेक कुमार अपने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सौरभ कुमार उर्फ मिंटू की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) पटना के स्पेशल टीम के हत्थे चढ़ने के बाद हड़कंप मचा है. इलाके में चर्चाओं का बाजार गरम है. लोग तरह-तरह से इसकी चर्चा कर रहे हैं. दरअसल, रीगा प्रखंड के सिराही गांव के वार्ड नंबर 10 निवासी रामाशीष महतो के पुत्र साधु महतो से 10 हजार रुपये रिश्वत लेते दोनों रंगे हाथ पकडे गये हैं. साधु महतो ने बताया कि बैंक से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमइजीपी) के तहत मसाला उद्योग पर वर्ष 2020 में पांच लाख का लोन करवाया था. वहीं, वर्ष 2025 में सरकार से मिलने वाली सब्सिडी, जो 1 लाख 74 हजार 500 रुपये है उसके खाते में क्रेडिट करना था. सब्सिडी खाते में क्रेडिट करने के लिए मार्च महीने से लगातार शाखा प्रबंधक के द्वारा टाल मटोल किया जा रहा था. बैंक के प्रबंधक विवेक कुमार एवं कर्मी सौरभ कुमार उर्फ मिंटू के द्वारा कहा गया कि 15 हजार रुपया दीजिए, तो आपका रुपया क्रेडिट कर दिया जाएगा. थक हारकर उसने सीबीआइ पटना में इसकी शिकायत दर्ज करायी. दर्ज शिकायत के एवज में सीबीआइ टीम के अधिकारियों ने सत्यापन किया तथा रिश्वत की राशि के साथ दोनों को रंगे हाथ दबोच लिया. इस संदर्भ में जब बिहार ग्रामीण बैंक के रिजनल मैनेजर से इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने बैठक का हवाला देकर फोन काट कर दिया. अन्य अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं.
— पिछले वर्ष पकड़े गये थे पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक
पिछले एक वर्ष के दौरान जिले में रिश्वत के साथ बैंक प्रबंधक की गिरफ्तारी की यह दूसरी घटना है. इसके पूर्व 17 मार्च 2024 को सीबीआइ की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने नगर के कारगिल चौक स्थित पंजाब नेशनल बैक(पीएनबी) मुख्य शाखा के प्रबंधक शिशिर कुमार को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. बताया गया था कि ब्यूरो को एक ग्राहक से शिकायत मिली थी कि सीसी अकाउंट को लेकर प्रबंधक शिशिर कुमार 60 हजार रुपये रिश्वत का डिमांड किया था. इसके बाद ग्राहक के द्वारा सीबीआइ में इसकी शिकायत दर्ज करायी गयी थी.
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