— परिहार प्रखंड के मवि मलहाटोल की राजकीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका हैं प्रियंका सीतामढ़ी. नयी शिक्षा नीति 2020 के आलोक में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (इसीसीइ) पर विशेष प्रावधान के तहत तीन से छह वर्ष के बच्चों की बेहतर बुनियादी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ””””””””आधारशिला पाठ्यचर्या”””””””” का निर्माण हुआ है. अब इस राष्ट्रीय दस्तावेज़ का बिहार के संदर्भ में संदर्भीकरण शुरू किया गया है. लेखन कार्य के लिए जिले से परिहार प्रखंड के मध्य विद्यालय, मलहाटोल की राजकीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका प्रियंका कुमारी का चयन किया गया है. राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), बिहार, पटना द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में यूनिसेफ, विक्रमशिला, आगा खां फाउंडेशन, सीएसएफ, विभिन्न डायट व सीटीइ के व्याख्याता, आइसीडीएस के अधिकारी और चुनिंदा शिक्षक शामिल हैं. चयनित शिक्षिका ने बताया कि लेखन कार्य में बिहार की संस्कृति और स्थानीय संदर्भों को अधिक से अधिक शामिल किया जाए, ताकि बच्चे कंटेंट से आसानी से जुड़ सकें. शिक्षिका प्रियंका ने बताया कि इस कार्यशाला के अंतर्गत साप्ताहिक कैलेंडर एवं इसके अनुरूप विभिन्न गतिविधियों का लेखन कार्य किया जा रहा है. उन्हें साप्ताहिक कैलेंडर निर्माण के साथ भाषा विकास में भी लेखन कार्य करने का अवसर मिला है. बताते चलें कि इस महत्वपूर्ण कार्यशाला में प्रियंका के चयन का आधार उनका बुनियादी कक्षाओं के बच्चों के प्रति गहरा लगाव, लेखन कौशल एवं विभिन्न शिक्षण अधिगम सामग्री का निर्माण व उपयोग रहा है, जिसकी झलक इस आधारशिला पाठ्यचर्या में देखने को मिलेगी. प्रियंका के द्वारा लिखित ””””””””””””””””मेरी आंगनबाड़ी”””””””””””””””” कविता भी बाल वाटिका के लिए प्रकाशित चहक गतिविधि पुस्तिका में प्रकाशित है. वह अपने अवकाश के दिनों में आंगनबाड़ी केंद्र पर भी बच्चों के साथ गतिविधि करती हैं और अपने मिट्टी एवं पत्थर से निर्मित फोक टीएलएम की जानकारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ साझा कर उन्हें अपने अनुभवों से लाभान्वित करती हैं.
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