सीतामढ़ी. नगर स्थित भवदेवपुर, मेला रोड शहरवासियों एवं जाम से बचते हुए शहर शहर आने-जाने वाले जिले के अन्य हिस्सों के लोगों के लिये एक महत्वपूर्ण और लाइफलाइन सड़क है. शहर की जाम से बचकर यदि रीगा रोड, कपरौल, गौशाला अंबेडकर चौक, जानकी स्थान, पुनौरा धाम इत्यादि जगहों के लिये जल्दी निकलना हो, तो लोगों को मेला रोड होते हुए रिंग बांध का सहारा लेते हैं, लेकिन मेला रोड पिछले करीब एक दशक से बुरी तरह बदहाल है. हाल के वर्षों में सड़क और वहां के नालों का और बुरा हाल हो चला है, जिसके चलते अति जर्जर हो चुकी सड़क पर 12 महीने जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. आवेदन दे-देकर थक चुके स्थानीय व्यवसायियों एवं नागरिकों ने सोमवार को सड़क को जाम कर बैनर के साथ करीब छह घंटे तक प्रदर्शन किया. — पुराना नाला तोड़ दिया गया और नया बनाया नहीं गया प्रदर्शन में शामिल निर्भय व्याहुत, सोनू कुमार उर्फ सुबोध, रणजीत वर्मा, विजय कुमार, रमेश चौधरी, मनोरंज सिंह, नवीन कुमार, सागर कुमार, रतन कुमार व गोलू कुमार ने बताया कि एक तो वर्षों से मेला रोड जर्जर होकर आवागमन करने लायक नहीं है. वहीं, पिछले वर्ष स्टोर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम योजना के तहत वुडको कंपनी द्वारा नाला निर्माण कार्य कराने के नाम पर पुराने नालों को तोड़ दिया गया और नया नाला का निर्माण भी नहीं करवाया गया. चार-पांच दिन काम होने के बाद काम बंद कर दिया गया, सो आज तक बंद है. तब से इलाके के घरों का पानी भी सड़क पर ही जमा होता है, जिससे सड़क समेत आसपास की खाली जमीनें भी 12 महीने पानी से भरी रहती हैं. रही-सही कसर पिछले दिनों हुई बारिश ने पूरी कर दी. जलजमाव के चलते मच्छरों से भी लोग परेशान हैं. डेंगू का डर सता रहा है. दुर्गंध से रहना और दुकानदारी करना मुश्किल हो रहा है. –आये दिन नाला में गिरकर चोटिल हो रहे लोग उक्त लोगों ने बताया कि पिछले दिनों छठ पूजा के दौरान एक छठ व्रती महिला छठ घाट जा रही थीं. जलजमाव के कारण नाला दिखायी नहीं दिया और वे नाला में गिर गयीं, जिससे उनका पैर फट गया. वहीं, रविवार को एक बुजुर्ग अपने दो पोतों का हाथ पकड़कर जा रहे थे. उन्हें भी पानी के कारण नाला का पता नहीं चला और दोनों पोतों के साथ नाला में गिर गये. स्थानीय दस व्यवसायी आपस में 500-500 रुपये का चंदा लगाकर मानवीय आधार पर उन लोगों का इलाज करवाये. — मेला रोड में है एमएलसी का घर, 10 स्कूल व कई बड़े निजी अस्पताल मेला रोड में कम से कम 10 निजी स्कूल और कई बड़े निजी अस्पताल है. इतना ही नहीं, एमएलसी रेखा कुमार व उनके पति मनोज कुमार समेत शहर के कई प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ मनोज का घर भी मेला रोड में ही है. उनके घर के सामने ही नालों का गंदा पानी जमा रहता है, लेकिन वह और डाॅक्टर साहब लग्जरी गाड़ी से आवागमन करते हैं, इसलिये उन्हें फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन स्थानीय लोगों का जीना हराम हो चुका है. अब पानी सिर से उपर आ चुका है. आचार संहिता के बाद अनशन करना पड़ेगा. — बोले अधिकारी मेला रोड का टेंडर प्रक्रिया में है. जल्द से जल्द सड़क का जीर्णोद्धार कराने का प्रयास किया जायेगा. वहीं, नाला निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिये वुडको पर दबाव दिया जायेगा. — गजेंद्र सिंह, नगर आयुक्त
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