सीतामढ़ी. जानकी जन्मभूमि पुनौरा धाम के सीता प्रेक्षागृह में आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा के सातवें दिन रविवार को तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु राम भद्राचार्य जी महाराज ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाई. जगद्गुरु ने कहा कि मां सीता कर कमल में जयमाला लिए आठ सखी संग स्वयंवर में आ रही हैं. आठ छवियों के मध्य महाछवि सीता की है. विश्व विजयी राम को वरमाला जयमाला पहनाने के लिये सीता जी आ रही हैं. विश्व विजयी का प्रमाण तत्व जयमाला है. धनुष भंजन के पश्चात श्रीराम को वरमाला अवध मिथिला का आधार है और मिथिला अवध का श्रृंगार है. रूपवती सीता रूपवंत राम को जयमाला पहनाने जा रहीं हैं. मिथिला में आनंद का उत्सव है. पुष्प वर्षा हो रही है. आनंदित होकर सखी मंगल गीत गा रही हैं. भगवती सीता प्रभु श्री राम के गले में वरमाला डाल देती हैं. बताया कि श्रीराम जन्मभूमि, अयोध्या धाम मंदिर निर्माण का केस उच्च और उच्चतम न्यायालय में था, तो उन्होंने सात बार गवाही दी. हनुमान की सेना ने गलत ढांचा को मुक्का से मारकर ढाह दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने राम मंदिर निर्माण का आदेश सुनाया और आज भव्य मंदिर निर्माण हो चुका है. चार जून तक संपूर्ण मंदिर बन जायेगा. मां सीता की जन्मभूमि, पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य सीता मंदिर अवश्य बनेगा. जनक लली बाल रूप में विराजेंगी. संगीतमय श्री राम कथा में सीता स्वयंवर कथा में भक्तिमय गीतों का गायन किया गया. कथा में मुख्य यजमान जानकी नंदन पांडेय, राम छबीला चौधरी, डॉ मार्कंडेय राय, बाल्मीकि कुमार, श्रीनिवास मिश्रा, रघुनाथ तिवारी, आग्नेय कुमार, धनुषधारी सिंह, त्रिपुरारी सिंह, श्रवण कुमार, आचार्य अवधेश शास्त्री, चंदन कुमार व शैलेंद्र सिंह समेत सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए.
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