सीतामढ़ी. पूर्व के चुनावों में प्रत्याशियों के द्वारा पैसे व शराब की बोतलें बांटे जाने की खबरें सामने आती थी. पैसे तो नहीं, पर शराब की बोतलें वितरण करने वाली बात पिछले विधानसभा चुनाव तक हावी रहा. शराब वितरण की खबरों के बीच मतदान के पूर्व बड़ी मात्रा में शराब पकड़े के भी मामले सामने आए थे. हालांकि इस बार के चुनाव में जिले के किसी भी विधानसभा क्षेत्र से शराब की बोतलें वितरण करने की कोई खबर सामने नहीं आयी है. इसे प्रशासनिक सख्ती का एक पुख्ता प्रमाण माना जा रहा है. एक तरह से प्रशासन चुनाव में शराब बांटने की पुरानी परंपरा को तोड़ने में कामयाब रहा. — मतदान के पूर्व बॉर्डर पर सख्ती विधानसभा चुनाव के जिला पुलिस प्रशासन के साथ ही एसएसबी द्वारा संयुक्त रूप से बॉर्डर पर पहरा को सख्त कर दिया गया था. जिस कारण शराब तस्करों की एक न चली. इस बीच, जो तस्कर नेपाल से शराब की खेप लेकर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किए, उन्हें बॉर्डर पर ही दबोच लिया गया और जो एसएसबी की नजरों से बच निकले, वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए. पुलिस की रिपोर्टों के अनुसार, हाल के दिनों में यानी मतदान के पूर्व बॉर्डर इलाकों में बड़ी मात्रा में शराब जब्त किए गए, जिसमें सबसे अधिक मात्रा देशी शराब की रही. — पांच दिनों में 2815 लीटर जब्त पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, मतदान के पूर्व यानी दो नवंबर से 10 नवंबर के बीच पांच दिन चले अभियान में जिले में 2815 लीटर शराब जब्त किए गए. इनमें 2788 देशी शराब शामिल है. नेपाल से शराब की आवक पर सख्ती के साथ ही सभी मुख्य पथों पर स्टैटिक चेकिंग अभियान के चलते तस्कर दूसरे राज्यों से शराब की खेप लाने की हिम्मत नहीं कर सके. इस कारण इन दिनों शराब के शौकीनों को दिन कुछ ठीक नहीं बीत रहा है.
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