शिवहर. जिला कृषि विज्ञान केंद्र ने खैरवादर्प, मिनापुर बलहा और विषम्भरपुर गांवों में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए जलवायु अनुकूल खेती कार्यक्रम के तहत एक हेक्टेयर क्षेत्र में आलू का उन्नत प्रदर्शन शुरू किया है. इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को जलवायु-सहिष्णु तकनीकों से जोड़ना, उत्पादन बढ़ाना और बदलते मौसम के बीच फसल सुरक्षा सुनिश्चित करना है. प्रदर्शन के लिए आलू की उन्नत प्रजाति ‘कुफरी सिंदूरी’ का उपयोग किया जा रहा है, साथ ही संतुलित पोषण प्रबंधन, सूक्ष्म-सिंचाई, मल्चिंग, रोग-कीट नियंत्रण और मिट्टी स्वास्थ्य सुधार जैसे वैज्ञानिक उपाय अपनाए जा रहे हैं.
वरिष्ठ एवं प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी ने कहा कि यह कदम किसानों को जलवायु जोखिमों के बीच स्थायी उत्पादन सुनिश्चित करने में सहायक होगा. उन्होंने कहा कि जलवायु अनुकूल तकनीकों का विस्तार किसानों की आय वृद्धि और ग्रामीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है.
कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञ डॉ. सौरभ शंकर पटेल ने बताया कि प्रदर्शन में जल संरक्षण आधारित सिंचाई प्रणाली, उन्नत मशीनरी और ऊर्जा-कुशल तकनीकों को शामिल किया गया है, जिससे उत्पादन लागत कम होगी और फसल अधिक टिकाऊ बनेगी. वहीं डॉ. संचित्ता घोष ने कहा कि वैज्ञानिक प्रबंधन से आलू उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव है.
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कृषि विज्ञान केंद्र की यह पहल गांवों को जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक सक्षम बनाने और सतत कृषि विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
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