शिवहर. जिला कृषि विज्ञान केंद्र में बुधवार को पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त को लेकर आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कृषि पदाधिकारी प्रीति कुमारी व केवीके की वरिष्ठ वैज्ञानिक सह अध्यक्ष डॉ. अनुराधा रंजन कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर किया. कोयम्बटूर, तमिलनाडु से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाइव प्रसारण के माध्यम से 250 से अधिक किसानों को संबोधित करते हुए 18 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में अंतरण की घोषणा की और प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन के महत्व को रेखांकित किया.
जिला कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में बुधवार को लाइव प्रसारण कार्यक्रम के पश्चात आयोजित तकनीकी कार्यशाला में केवीके वैज्ञानिकों ने रबी फसलों की उन्नत तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी. कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञ डॉ. सौरभ शंकर पटेल ने जीरो टिलेज गेहूं तकनीक के लाभ बताते हुए कहा कि इससे लागत व समय की बचत होती है, मिट्टी की नमी संरक्षित रहती है और अंकुरण बेहतर होता है. उन्होंने क्यारी में मक्का लगाने की वैज्ञानिक विधि तथा आलू के साथ मटर, गोभी, मिर्च, बैंगन और मक्का की अंतरवर्ती फसलों के लाभ समझाए. फसल विविधीकरण को उन्होंने स्थायी कृषि का महत्वपूर्ण आधार बताया.
गृह विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. इनलिंग ने बटन मशरूम उत्पादन व कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि सब्जियों, अनाज और मशरूम का वैल्यू एडिशन कर किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं. उद्यान विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. संचिता घोष ने रबी सब्जियों की पौधशाला प्रबंधन, बीज उपचार, पोषक तत्व प्रबंधन और रोग-कीट नियंत्रण पर जानकारी दी. कार्यक्रम में कमलेश कुमार, गोपाल कुमार, विनीत कुमार, राणा कुमार, रोहित रौशन, विशाल कुमार, रवि रंजन और कमलेश्वरी दास समेत कई किसान मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

