शिवहर: जिले की माली पोखर भिंडा पंचायत अंतर्गत गड़हिया गांव, जिसने वर्ष 2000 में पूर्व सांसद अनवारूल हक को संसद भवन तक पहुंचाकर सुर्खियां बटोरी थीं, आज अपनी जर्जर स्थिति पर आंसू बहा रहा है. कभी हिंदू–मुस्लिम एकता और विकास की मिसाल रहा यह गांव आज गंदगी, जलजमाव और बदइंतजामी की मार झेल रहा है.
कभी चमकता गांव, आज बदहाली का प्रतीक
सड़कों से लेकर नालियां तक साफ-सुथरी रहती थीं. किसी भी समस्या का तत्काल समाधान होता था और प्रशासनिक अधिकारी भी एक कॉल पर पहुंच जाते थे. लेकिन आज हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. गांव की सड़कों पर फैला कीचड़ और जलजमाव स्थानीय लोगों की पीड़ा बयान कर रहा है.
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वार्ड 11 में जलजमाव, छोटी मस्जिद से बड़ी मस्जिद तक बदहाल रास्ता
गांव के वार्ड 11 में डीह स्थित छोटी मस्जिद से लेकर पूर्व जिला परिषद सदस्य इजहारुल हक के मुख्य द्वार स्थित बड़ी मस्जिद तक सड़कें पानी और कीचड़ से भरी पड़ी हैं. राहगीरों को हर कदम सोच-समझकर रखना पड़ता है कि कहीं बीच में कोई गड्ढा न हो. इसी रास्ते से अंबा, महुआवा, सिंगाही आदि गांवों के बच्चे पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, विशुनपुर जाते हैं. जलजमाव के कारण कई बच्चे फिसलकर गिर चुके हैं, उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं और कईयों को घर लौटना पड़ा है.
चुनाव के समय कराया गया था अस्थायी समाधान
स्थानीय नेता पूर्व जिला परिषद सदस्य इजहारुल हक, खलीकुर रहमान, मंसूर आलम, सद्दाम हुसैन आदि ने चुनाव दौरान पंपीसेट मंगाकर पानी निकासी कराई थी. उस समय लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन कुछ ही दिनों बाद पुनः स्थिति जस की तस हो गई. लंबे समय तक जलजमाव के कारण महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.
ग्रामीणों ने विधायक–सांसद से लगाई गुहार
ग्रामीण मोहम्मद मोजहिम, मोहम्मद शफाउल्लाह, मंतिउल्लाह, शमीम, दिनेश कुमार, राहुल कुमार सहित कई लोगों ने नवनिर्वाचित विधायक, सांसद व जिला प्रशासन से सड़क पर महीनों से जमा पानी की समस्या का समाधान कराने की मांग की है. उनका कहना है कि यह मामला जनहित से जुड़ा है और तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है.
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