बैरगनिया : स्थानीय बैंकों में लोगों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है. नोटबंदी के 24 वें दिन भी बैंको में ग्राहकों की लंबी लाइन लगी रही. दिसंबर माह का पहला सप्ताह सप्ताह होने के कारण शनिवार को वेतन व पेंशन लेने वाले लोग सुबह 5 बजे से ही बैंको के सामने लाइन में खड़े हो गये. जिसमे पेंशन लेने वाले बुजुर्गो की संख्या ज्यादा थी.
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बैंकों में कैश की कमी से मायूस लौट रहे पेंशनधारी
बैरगनिया : स्थानीय बैंकों में लोगों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है. नोटबंदी के 24 वें दिन भी बैंको में ग्राहकों की लंबी लाइन लगी रही. दिसंबर माह का पहला सप्ताह सप्ताह होने के कारण शनिवार को वेतन व पेंशन लेने वाले लोग सुबह 5 बजे से ही बैंको के सामने लाइन […]
हालांकि पूर्व सैनिक विंदेश्वर सिंह, रामजी साह, भरत झा व रेलवे कर्मी लक्ष्मी देवी करीब तीन दर्जन पेंशन भोगी बुजुर्गो को पेंशन लिए बगैर वापस लौटना पड़ा. कुछ पेंशनधारियों को राशि मिली भी, तो समुचित नही. उन्हें 5 हजार की राशि पर संतोष करना पड़ा. बैंक कर्मियों ने कहा कि पर्याप्त कैश का अभाव है. जो राशि उपलब्ध है, उसे अधिकांश लोगों के बीच मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है. भुगतान की दृष्टि से सबसे बुरा हाल स्थानीय एसबीआई शाखा का रहा.
प्रखंड भाजपा अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा है कि एसबीआई के कर्मी जानबूझकर केंद्र सरकार को बदनाम करना चाह रहे है. अगर इनके रवैया में सुधार नही हुआ तो बैंक के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा. एसबीआई के शाखा प्रबंधक रमेश प्रसाद ने कहा कि आरबीआई के निर्देश के अनुसार ही भुगतान किया जा रहा है. बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है.
मुख्य शाखा से मिल रहा मात्र 50 हजार : बोखरा : नोटबंदी के 25 दिन बित जाने के बाद भी प्रखंड के विभिन पंचायत के लोग रूपया निकासी को लेकर परेशान है. खासतौर पर बुजुर्ग लोगों के लिए ग्राहक सेवा केंद्र से रूपया निकालना लोहे के चने चबाने जैसी होती जा रही है. शनिवार को सुबह से ग्राहक सेवा केंद्र से रूपया निकालने के लिए लाईन में खड़े महिंदर राम व मदन ठाकुर समेत अन्य लोगों ने बताया कि वे लोग पेंशन लेने के लिए लाईन में खड़े है. दो दिन से लौट जा रहे है. केंद्र के संचालक राशि का अभाव बताते है. सरकार को पेंशनधारियों के उम्र को ध्यान में रखते हुए रूपया निकासी के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करनी चाहिए. संचालक मो मजीबुल रहमान ने बताया की बैंक में 6 हजार खाताधारी है. मुख्य शाखा से मात्र 50 हजार रूपया मिल रहा है. इस कारण सभी को समुचित राशि देना संभव नही है.
रीगा में एटीएम से घटने लगी भीड़: रीगा . धीरे-धीरे नोट बंदी का असर अब कम होने लगा है. ग्राहकों की लंबी कतारे अब छोटी होने लगी है. सब्जी मंडी, मछली, मांस, मिठाई, फल, एवं कपड़ों की दुकानों पर ग्राहक आने जाने लगे हैं. सोना-चांदी की दुकान पर जाने से लोग अभी परहेज कर रहे हैं. पुराने नोट जमा करने में कमी आई है.
प्रखंड क्षेत्र में कई एटीएम मशीन है, लेकिन एक मात्र स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एटीएम ही प्रतिदिन खुली हुई रहती है. जहां से ग्राहक निकासी कर रहे हैं.स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक बीएन झा एवं मिनी ब्रांच के प्रबंधक दिलीप कुमार ने बताया कि यह सही है कि अब धीरे-धीरे एटीएम से भीड़ घटने लगी है
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