आस्था Â सांप्रदायिक सौहार्द की प्रतीक बनी पूजा समिति, षष्टमी को होनेवाले बेल न्योतन में 351 कन्याएं हाेती हैं शामिल, कोलकाता से लाया गया नक्शा
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57 वर्षों से हिंदू-मुसलिम कर रहे एक ही जगह पूजा
आस्था Â सांप्रदायिक सौहार्द की प्रतीक बनी पूजा समिति, षष्टमी को होनेवाले बेल न्योतन में 351 कन्याएं हाेती हैं शामिल, कोलकाता से लाया गया नक्शा सीतामढ़ी : शहर के जवाहर चौक स्थित अंचल गली में वर्ष 1958 से मां दुर्गा की पूजा की जाती रही है. मां जगदंबा पूजा समिति सह महाकाली अखाड़ा के बैनर […]
सीतामढ़ी : शहर के जवाहर चौक स्थित अंचल गली में वर्ष 1958 से मां दुर्गा की पूजा की जाती रही है. मां जगदंबा पूजा समिति सह महाकाली अखाड़ा के बैनर तले हर वर्ष भव्य तरीके से पूजा की जाती है. पूजा स्थल व उसके आसपास की सजावट देखते ही बनती है. इस पूजा समिति की एक नहीं, बल्कि कई खासियत है. शहर की यह इकलौती पूजा समिति है, जिसकी प्रतिमा का विर्सजन विजयादशमी के दूसरे दिन किया जाता रहा है. पूर्व अध्यक्ष गणेश कपूर ने बताया कि वर्ष 58 से अब तक एक बार भी ऐसा नहीं हुआ कि विजया दशमी को प्रतिमा का विसर्जन किया गया. यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी. 57 वर्षों से एक ही स्थल पर पूजा होती आ रही है जो एक बड़ी बात है.
समिति की दूसरी खासियत यह है कि हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिल कर पूजा करते हैं जो एक मिसाल है. पूजा समिति सांप्रदायिक सौहार्द का एक प्रतीक रहा है. मां जगदंबे पूजा समिति की एक अलग पहचान रही है. लगातार 40 वर्षों तक अध्यक्ष रहे श्री कपूर बताते हैं कि इस बार भी लखनदेई पुल से लेकर जवाहर चौक व इंदिरा टावर तक लाइटिंग की जायेगी. दरभंगा के मूर्तिकार प्रतिमा बना रहे हैं. यहां का पंडाल कुछ अलग दिखेगा. कलकत्ता से पंडाल का नक्शा लाया गया है. पूजा पर करीब सात लाख के खर्च का बजट बनाया गया है. समिति की तीसरी खासियत, षष्टमी को होने वाले बेल न्योतन में 351 कुंवारी कन्याएं शामिल होंगी और गाजे-बाजे के साथ 11 घोड़े भी रहेंगे. समिति के अध्यक्ष आशीष सौरभ, सचिव सन्नी श्रीवास्तव व कोषाध्यक्ष बाबूल सिंह हैं.
इस तरह दिखेगा पूजा पंडाल.
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