सीतामढ़ी : डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि समाज न तो अपराधियों को किसी तरह का संरक्षण दें और न ही सामाजिक प्रतिष्ठा. यहां तक कि किसी अपराधी के जनाजे में भी जाने से बचें, लेकिन लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं. यही कारण है कि 18-20 साल के लड़कों का हौंसला बढ़ा रहता है.
हर व्यक्ति अपने दायित्व को समझे एवं पुलिस को मदद करे, तो कोई भी ताकत समाज को अपराध मुक्त होने से नहीं रोक सकती. वह सोमवार को डुमरा हवाई अड्डा मैदान में ‘जन संवाद’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. दुर्गापूजा, छठ व दीवाली में विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें डीजीपी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे.
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करें
कार्यक्रम में जिले के सांसद से लेकर वार्ड सदस्य तक मौजूद थे. बड़ी संख्या में प्रशासनिक पदाधिकारी भी शामिल हुए. डीजीपी ने कहा, कोई भी व्यक्ति अपराध की संस्कृति को सींचे नहीं. ऐसा होने से स्वतः अपराध की संस्कृति बंद हो जायेगी. अपराध रोकने का काम पुलिस का है, लेकिन जनता के बगैर सहयोग के यह संभव नहीं है. दोनों समुदाय के लोगों से मिल्लत की अपील की. कहा कि एक-दूसरे को सहयोग कर नया समाज-नया सीतामढ़ी-नया बिहार बनायें. यहां के लोग पूरे बिहार के लिए सांप्रदायिक सौहार्द की एक बेहतरीन मिसाल पेश कर सकते हैं.
मुट्ठी भर लोगों से ही परेशानी. डीजीपी ने कहा, जब भी कोई पर्व आता है, प्रशासन तनाव में आ जाता है. वैसे मुट्ठी भर लोग ही विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने की सोच रखते हैं. ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनका सामाजिक Âबाकी पेज 15 पर
अपराधियों को सामाजिक
बहिष्कार करने की जरूरत है. कहा, अगर किसी अपराधी का नाम गुंडा पंजी में दर्ज हो गया, तो समझें उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गयी है. यानी ऐसे अपराधियों का पूरा कैरियर खराब होना तय है. उसकी बरबादी निश्चित है. पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि किसी भी हालत में निर्दोष का नाम गुंडा पंजी में दर्ज नहीं होना चाहिए. मौके पर सांसद सुनील कुमार पिंटू, विधायक अमित कुमार टुन्ना, आइजी गणेश कुमार, डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा, एसपी अनिल कुमार, जिप अध्यक्ष उमा देवी व लोक अभियोजक अरूण कुमार सिंह समेत अन्य मौजूद थे.