घटनास्थल से महज आधा किमी दूर है बॉर्डर
नेपाल के अपराधियों के शामिल होने की आशंका
सीतामढ़ी/सोनबरसा : डकैतों के भय से सोनबरसा थाना क्षेत्र के इंदरवा गांव के लोग लगभग एक घंटे तक अपने घरों में कैद रहे. सोमवार की रात कपड़ा व्यवसायी पारस राय, भाई विनस राय एवं संजय राय के घर लूटपाट के दौरान पास-पड़ोस व गांव के लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं कर सके.
पिछले पांच वर्ष के भीतर इंदरवा में डकैती की यह चौथी घटना है. पहली घटना वर्ष 2014 में हुई थी, जिसमें ब्रजेश महतो, शिक्षिका तारा देवी, प्रभा देवी एवं वरण महतो के घर से डकैतों ने सात लाख की संपत्ति लूट ली थी. दूसरी घटना वर्ष 2016 में हुई, जिसमें पूर्व उप मुखिया धरखन महतो व शिक्षिका सीता देवी के घर में लूटपाट को अंजाम दिया गया. वर्ष 2018 में बगलगीर सहोरवा में पंसस विंदेश्वर साह एवं खेरू साह के घर धावा बोलकर लूटपाट की गयी थी. इसके अलावा जिले में इस वर्ष डकैती की यह दूसरी घटना है.
इससे पूर्व 25 फरवरी की रात डकैतों ने बेलसंड थाना क्षेत्र के मधकौल गांव में किसान अभय सिंह के घर धावा बोलकर 2.50 लाख की संपत्ति लूटी थी. इंदरवा डाका कांड में पुलिस को प्रथमदृष्टया जांच में नेपाली अपराधियों की संलिप्तता का पता चला है. जहां डकैती की घटना हुई है, वहां से नेपाल सीमा की दूरी महज आधा किलोमीटर है. घटना को अंजाम देकर डकैतों के सीमा पार करने की आशंका भी जतायी जा रही है.
घटना को लेकर ग्रामीणों में पुलिस के प्रति भी गुस्सा है. ग्रामीणों ने बताया कि इलाके में सघन गश्ती का दावा हर बार फेल हो जा रहा है. पुलिस अगर चुस्त-दुरुस्त रहती तो डकैतों को मौका नहीं मिलता. पूर्व विधायक रामनरेश यादव ने पीड़ित परिवार से मिलकर जानकारी ली. उन्होंने कहा कि डकैती की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस की गश्ती के बीच से डकैती होना तथा डकैतों का पकड़ में नहीं आना आश्चर्य है.
घटना से पूर्व व्यवसायी के घर की हुई थी रेकी : जिस प्रकार से डकैतों ने घटना को अंजाम दिया है, उससे यह सहज अंदाजा लगाया जा रहा है कि व्यवसायी पारस राय के घर की रेकी की गयी थी. दरअसल डकैतों ने उस वक्त घटना को अंजाम दिया है, जब घर में उत्सव का माहौल था. व्यवसायी के पुत्र बलिराम कुमार की 13 मार्च को शादी की तैयारी में लोग जुटे थे.
इससे यह आशंका जतायी जा रही है कि कहीं न कहीं डकैतों को इसकी भनक थी कि वहां से बड़ी राशि व जेवरात हाथ लग सकता है. इसमें स्थानीय लोगों के हाथ होने की भी बात कही जा रही है. तीन बदमाशों ने अपने चेहरे को गमछे से ढक रखा था, जिससे की उसकी पहचान नहीं हो सके.