9.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

जल स्तर पहुंचा 30 फुट गहरा

– आने वाले जलसंकट की चुनौलियों का संकेत दे गया बीता साल शेखपुरा. पुराने वर्ष 2015 की विदाई एवं नये वर्ष के आगमन को जश्न के रूप में हम सभी ने मुकम्मल तैयारी कर ली है, परंतु इन उत्साह और उमंगों के बीच एक बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी हो गयी है. यह चुनौती प्रकृति […]

– आने वाले जलसंकट की चुनौलियों का संकेत दे गया बीता साल

शेखपुरा. पुराने वर्ष 2015 की विदाई एवं नये वर्ष के आगमन को जश्न के रूप में हम सभी ने मुकम्मल तैयारी कर ली है, परंतु इन उत्साह और उमंगों के बीच एक बड़ी चुनौती हमारे सामने खड़ी हो गयी है. यह चुनौती प्रकृति की मार के बाद की है. यहां वर्षापात में भारी कमी के बीच जल संकट का खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

भूगर्भ जलस्तर में हो रही तेजी से ह्रास को लेकर प्राकृतिक जलस्रोतों का शोषण और पानी का दुरुपयोग है. लंबे अंतराल से सरकार और समाजसेवी संस्थानों के द्वारा जल संरक्षण की दिशा में जन जागरण के लिए कई अभियान चलाये गये. इसके बावजूद अगर समय रहते हम और हमारा समाज और परिवार नहीं चेते तब जल संकट भी आने वाली चुनौतियों से जुड़ी असहनीय पीड़ा का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो जायेगा. वर्तमान वर्ष में जल संकट के इस समस्या को लेकर विभाग और प्रशासनिक महकमा को विशेष रूप से अलर्ट किया जायेगा.

30 पार किया भूगर्भ जल स्तर :

जिले में चालू वित्तीय वर्ष में भूगर्भ जल स्तर 30 फुट पार कर गया है. दिसंबर महीने में सामान्यत: जल स्तर 20 फुट पर रहता रहा है. जल स्तर के लिए मई और जून माह में 30 फुट का आंकड़ा रहा है, परंतु जो हालात है उसमें मई जून महीने में भूगर्भ जल स्तर 40 फीट गहराई को भी पार कर जायेगा. जिले में जल स्तर की यह स्थिति आने वाले समय में भीषण जल संकट का संकेत दे रहा है. इस भीषण जल संकट में आबादी की लगभग 60 प्रतिशत लोगों के लिए चापाकल एवं कुआं सबसे पहले सूखने की संभावना प्रबल है. ऐसे में जल संकट की भीषण समस्या एक बड़ी चुनौती है.

जल स्रोतों से छेड़छाड़ बन रहा कारण :

जिले में शहरी अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक जल स्रोतों का अतिक्रमण अथवा उस पर निर्माण कार्य कर तालाबों के अस्तित्व को समाप्त करना जिले के भूगर्भ जल स्तर का तेजी से खिसकने के मुख्य कारणों में एक है. वर्तमान हालातों में बारिश के पानी का संग्रह नहीं होने से भूगर्भ जल स्तर में कमी के बीच समर सेबल,मोटर के इस्तेमाल से भूगर्भ जलस्तर का तेजी से ह्रास हो रहा है.

वर्षापात में हुई कमी :

जिले में इस वर्ष कुल वर्षापात पर अगर नजर डालें तब यहां 989.4 एमएम बारिश होना था, परंतु प्राकृतिक प्रकोप के कारण 774.9 एमएम ही बारिश हो सका. कम वर्षापात के कारण जहां धान की खेती बारिश पर ही निर्भर होती है. वहां गांवों का विद्युतीकरण होने के कारण समरसेबुल मोटर लगा कर धान फसल का कृषकों ने पटवन किया. आलम यह है कि अब प्याज फसल के लिए किसानों को पसीना बहाना पड़ रहा है.

सिंचाई पर पड़ रहा प्रभाव :

जिले में तेज रफ्तार से नीचे जा रही जल स्तर का सबसे पहला प्रभाव सिंचाई व्यवस्था पर पड़ रहा है. दिसंबर महीने में ही कृषकों का निजी नलकूप में पंपसेट काम नहीं कर रहा है. पटवन के लिए कृषकों को पंपसेट के स्थान पर समर सेबल मोटर लगा कर पटवन करने की स्थिति उत्पन्न हो गयी हे. इन दिनों रबी एवं प्याज फसल के पटवन में जल स्तर खिसक जाने से कृषकों को पसीना बहाना पड़ रहा है.

बरबाद हो रहा पानी :

जिले में तेज रफ्तार से खिसक रहे जल स्तर को लेकर आम और खास तो दूर जिला प्रशासन और विभाग भी बेखबर है. ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति को लेकर बनाये गये स्टैंड पोस्ट लोगों में नलके नहीं होने के कारण यूं ही पानी बहते रहते हैं. इसी तरह अगर पानी बहता रहा और प्रशासनिक महकमा बेखबर रहा तब आने वाले समय में जलसंकट एक बड़ी चुनौती बन कर खड़ा हो जायेगा. गांव तो दूर शहरी क्षेत्रों में गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक नलकों से यूं ही पानी बहता रहता है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel