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बिजली मिली, बिल नदारद

शेखपुरा : जिले में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कुल मिला कर शहर की तुलना में गांवों के लिए काफी बदतर माना जाता है. इसका मुख्य कारण विद्युत तार एवं पोल की जर्जर हालत है. जिले में 49 हजार विद्युत उपभोक्ता है. निर्बाध विद्युत के लिए प्रति दिन 30 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है, […]

शेखपुरा : जिले में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कुल मिला कर शहर की तुलना में गांवों के लिए काफी बदतर माना जाता है. इसका मुख्य कारण विद्युत तार एवं पोल की जर्जर हालत है. जिले में 49 हजार विद्युत उपभोक्ता है. निर्बाध विद्युत के लिए प्रति दिन 30 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है,

जो प्रति माह 01 करोड़ 20 लाख यूनिट बतायी जाती है. जिसमें उपभोक्ताओं पर मात्र 30 लाख यूनिट की ही बिलिंग हो पा रही है. ऐसे में उपभोक्ता जहां विभाग द्वारा सालों से बिजली बिल मुहैया नहीं कराने की बात कहते हैं, तो अधिकारी इस आपूर्ति और खपत के बीच इस बड़े अंतर को कहीं न कहीं विद्युत चोरी मान रहे हैं. बहरहाल विद्युत व्यवस्था को लेकर सामान्य बिजली बिल में गड़बड़ियों की और उसके निबटारे पर अगर नजर डालें, तब अधिकारी सबकुछ ठीक-ठाक मान रहे हैं.

डीएम के जनता दरबार में बिजली बिल की शिकायतों का भले ही अंबार लगता रहा हो, परंतु प्रशासनिक सूत्र का दावा है कि एक साल में तीन सौ मामलों का निष्पादन करने के बाद अब कुछ मामले ही बचे हैं. हालांकि सीधे विद्युत विभाग में आने वाली शिकायतों के निबटारे की रोजाना समीक्षा की जाती है.

बिजली तो मिल रहा पर ढाई सालों से बिल नहीं :
विद्युत आपूर्ति के लिए जिले में विद्युतीकरण योजना को जहां ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. वहीं ऐसे दर्जनों गांव है, जहां ढाई-तीन सालों से विद्युत आपूर्ति की जा रही है, परंतु आज तक एक बार भी बिल नहीं मिला. ढाई सालों से विद्युत कार्यालय का चक्कर लगा रहे इन ग्रामीणों के लिए आज तक इस लिए पहल नहीं की जा सकी,
क्योंकि किसी स्तर से विभागीय दिलचस्पी नहीं दिखाई गयी. ग्रामीणों की मानें तब ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत निर्माण कार्य करने वाली कंपनी ने ग्रामीणों के विद्युत कनेक्शन से संबंधित दस्तावेज विभाग को सौंप दिया था. अरियरी ब्लॉक में बिजली बिल की गड़बड़ी को लेकर अगर गांवों पर नजर डालें तब जखौर,
देवपुरी, सहनौरा, तेलडीहा, विहिया, हनुमानगंज, धनकौल समेत अन्य गांव के ग्रामीणों के समक्ष यह परेशानी है. इन गांवों में घरेलु और कृषि उपयोग के लिए कनेक्शन का बिल नहीं आने से उपभोक्ता परेशान है.
चार साल से जला है ट्रांसफार्मर :
अरियरी ब्लॉक का ससबहना बाजार से सटे गरीबन टोला जहां महादलितों का बसेरा है. वहां पिछले चार माह से विद्युत ट्रांसफार्मर जला है. विद्युत ट्रांसफार्मर के अभाव में ग्रामीण विद्युत आपूर्ति से वंचित है. स्थानीय समाजसेवी कमलेश कुमार मानव ने बताया कि गांव में विद्युतीकरण के चंद महीने के बाद ही ट्रांसफार्मर जलने की स्थिति उत्पन्न हो गयी. इस बाबत कई बार विभाग को सूचना दिया गया, परंतु आज तक ट्रांसफार्मर लगाने की पहल नही हो सकी.

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