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पर्यावरण की रक्षा करना अहम: जनार्दन

शेखपुर : पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ किसानों की आमदनी को बढ़ाने को पर्यावरणविद् जनार्दन प्रसाद ने अपना जीवन बना लिया है. शेखोपुरसराय प्रखंड के नीमी गांव निवासी जनार्दन प्रसाद अभी 10 एकड़ में विस्तृत पौघाशाला से लोगों को पेड़ लगाने और पेड़ बचाने का अभियान चला रखा है. सीधे तौर पर किसानों को विभिन्न […]

शेखपुर : पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ किसानों की आमदनी को बढ़ाने को पर्यावरणविद् जनार्दन प्रसाद ने अपना जीवन बना लिया है. शेखोपुरसराय प्रखंड के नीमी गांव निवासी जनार्दन प्रसाद अभी 10 एकड़ में विस्तृत पौघाशाला से लोगों को पेड़ लगाने और पेड़ बचाने का अभियान चला रखा है. सीधे तौर पर किसानों को विभिन्न प्रकार के पेड़ उपलब्ध कराने के अलावा जिले में चलाये जा रहे कृषि वाणिकी के भी ये रीढ़ साबित हो रहे हैं.

पौधारोपण या पेड़-पौधे लगाने का कोई भी काम जिले में इनके सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाता है. प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर, शेखपुरा के विभिन्न जिलाधिकारी से प्राप्त पुरस्कारों के बाद जनार्दन की रुचि और भी इस दिशा में बढ़ गयी है. जनार्दन के पौधशाला में फूलदार,फलदार,छायादार,इमारती,फर्नीचर आदि के लिए पौधों के अलावा औषधीय पौधे,फल,सब्जी आदि के भी विभिन्न प्रकार के प्रभेद उपलब्ध हैं. जनार्दन बताते हैं कि वे अपने पिता स्व. धुरी सिंह के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं.

उनके पिता शौकिया तौर पर विभिन्न प्रकार के पौधों को रोपा करते थे. उन्हीं के संरक्षण में आज से 25 वर्ष पूर्व उन्होंने कुछ क्यारी पौधाशाला तैयार की थी. उनके नीमी स्थित पौधशाला में जब वन विभाग के कुछ अधिकारी ने इस शानदार संग्रह को देखा तो उन्हें इस कार्य को विस्तार देने की सलाह दी. वन विभाग के अधिकारी जनार्दन के पेड़-पौधे के बारे में बारीक जानकारी पर उसे वाणिकी के सरकारी योजना से जुड़ कर अपने अभियान को बढ़ाने की सलाह दी.

तब से जनार्दन ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. जनार्दन आज यहां वानिकी के पर्याय बन गये हैं. जनार्दन प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि उनकी प्राथमिकता पर्यावरण की रक्षा है. पर्यावरण की रक्षा करते हुए किसानों को अपनी भूमि से अतिरिक्त लाभ मिल जाता है, तो उन्हें खासी खुशी होती है. इधर आम तौर पर किसान गेहूं तथा धान की पैदावार करते हैं.

कई प्रगतिशील किसान ईख और सब्जी की खेती भी कर रहे हैं. जनार्दन का लक्ष्य है कि उनके पौधशाला से जिले के प्रत्येक घर में कम से कम एक पेड़ पहुंचे. पेड़ लगाने और उसकी रक्षा करने वालों को जनार्दन स्वयं जाकर पौधे उपलब्ध कराते हैं और इसे बेहतर ढंग से रखरखाव की सलाह भी देते हैं.

10 हजार पोपलर का पेड़ : जनार्दन प्रसाद अभी अपने पौधशाला में 10 हजार पोपलर का पेड़ तैयार कर रखा है. सरकार द्वारा चलाये जाने वाले कृषि वानिकी कार्यक्रम के तहत किसानों को मुक्त किया जायेगा. हालांकि इसके बदले राशि सरकार की ओर से दी जायेगी. इस वाणिज्यिक पेड़ के बारे में जनार्दन प्रसाद बताते हैं कि यह पेड़ दो साल में प्लाइ वुड तैयार करने लायक होता है, जो साल की अवधि में इस पेड़ से किसानों को प्रति पेड़ 3000 रुपये की आमदनी हो जाती है. दो साल के बाद भी पेड़ नहीं काटने पर बढ़ता जाता है और इससे आगे तैयार लकड़ी से फर्नीचर तैयार किया जाता है.

यह किसानों के लिए बहुत ही लाभकारी पड़े है.

हरसिंगार लगावें सभी घरों में :

पर्यावरणविद जनार्दन प्रसाद ने सभी को अपने घर के हरसिंगार का पौधा कई औषधीय गुणों वाला है. साथ ही, यह फूल देने के बाद घर के पूरे वातावरण को सुगंधित कर देता है तथा इसके पत्तों का कई बीमारी में इलाज भी संभव है. जनार्दन प्रसाद के पौधशाला में इस प्रकार के कई औषधीय पौधे उपलब्ध ह विस चुनाव का असर कोर्ट के कार्यों पर भी

पुलिस केस डायरी भेजने में हो रही देरी

शेखपुरा. जिला प्रशासन के बुरी तरह चुनावी कार्य में व्यस्त रहने का असर न्यायालय के कार्यों पर भी पड़ रहा है. जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान मांगे जाने वाले पुलिस केस डायरी,जख्म प्रतिवेदन समय पर नहीं आ पा रहे हैं. जिला विधिक मॉनिटरिंग सेल की बैठक में चुनावी व्यस्तता की बात बतायी गयी.

जिला जज आलोक कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह की अनुपस्थिति में एडीएम जवाहर लाल सिन्हा,एसपी राजेंद्र कुमार भील,जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह, महासचिव विपिन कुमार,लोक अभियोजक उदय नारायण सिन्हा,सभी न्यायिक पदाधिकारी के साथ-साथ सिविल सर्जन डॉ विमल कुमार सिन्हा और कई विभागों के कार्यपालक अभियंता मौजूद थे.

बैठक की जानकारी देते हुए जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव विपिन कुमार ने बताया कि जिला विधिक मॉनिटरिंग सेल की बैठक में प्रस्तुत किये गये विषयों के क्रियान्वयन पर जिला प्रशासन के अधिकारी ने चुनाव कार्य की व्यस्तता का हवाला दिया, जिस पर आम राय कायम करते हुए चुनाव बाद उन कार्यों के निष्पादन में तेजी लाने का भरोसा दिलाया. बैठक में न्यायालय कार्य के संचालन में दिन-प्रतिदिन के आवश्यकताओं पर चर्चा की गयी.

उधर एक दूसरी बैठक में जिला जज ने न्यायालय निगरानी कमेटी के निष्पादन के दौरान पक्षकारों को आने वाली कठिनाई और सुविधा के बारे में चर्चा की गयी. हालांकि निगरानी की इस बैठक में किसी प्रकार के भ्रष्टाचार या अवहेलना की बात सामने नहीं आयी है. बैठक में निगरानी समिति के सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण सलाह भी दिया तथा सभी लोगों को सुलभ और त्वरित न्याय प्रदान करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया.

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