नयी व्यवस्था के तहत सर्जरी टीम को किया जायेगा भुगतान
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सदर अस्पताल में होगा सिजेरियन प्रसव
नयी व्यवस्था के तहत सर्जरी टीम को किया जायेगा भुगतान ओटी को पूरी तरह वातानुकूलित व्यवस्था से किया गया लैस शेखपुरा : पिछले छह माह से सदर अस्पताल में बंद पड़े सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था अब नये सिरे से बहाल हो सकेगी. इसके लिए विभाग ने महिला रोग विशेषज्ञ को अहम जिम्मेदारी दी है. सरकारी […]
ओटी को पूरी तरह वातानुकूलित व्यवस्था से किया गया लैस
शेखपुरा : पिछले छह माह से सदर अस्पताल में बंद पड़े सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था अब नये सिरे से बहाल हो सकेगी. इसके लिए विभाग ने महिला रोग विशेषज्ञ को अहम जिम्मेदारी दी है. सरकारी अस्पतालों में बाहरी चिकित्सकों को भी ऑपरेशन के लिए अवसर प्रदान किया जायेगा. प्रति ऑपरेशन दस हजार रुपये का प्रावधान भी किया गया है. ताकि किसी हाल में सदर अस्पताल के अंदर ऑपरेशन की व्यवस्था बहाल रह सके. इस नयी व्यवस्था में ऑपरेशन के लिए निर्धारित राशि पूरी सर्जन टीम के लिए तय किया गया है. इस नयी व्यवस्था का लाभ अब सिजेरियन प्रसव के साथ अन्य मरीजों को भी मिल सकेगा.
सदर अस्पताल में सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था ठप रहने के कारण निर्धन गर्भवती महिलाएं आये दिन झोलाछाप चिकित्सकों का शिकार बन रही हैं. कुकुरमुत्ते की तरह सदर अस्पताल के इर्द-गिर्द पहले यह चिकित्सक बिचौलियों के जरिये वहां पहुंचती है और जान जोखिम में डालकर प्रसव कराने को विवश हो जाती है. अस्पताल की व्यवस्था पर प्रभात खबर ने पिछले सप्ताह प्रमुखता से खबर का प्रकाशन कर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा को स्थितियों से अवगत कराने का काम किया था. इसके बाद विभाग की पहलकदमी से मरीजों को राहत मिलने के आसार बढ़ गये हैं.
संसाधनों से लैस हो रहा सर्जिकल वार्ड
सदर अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में संस्थागत सिजेरियन प्रसव से लेकर अन्य बीमारियों के लिए सर्जरी की बेहतर व्यवस्था बहाल हो, इसके लिए आधुनिक संसाधनों से विश किया जा रहा है. इस नयी व्यवस्था के तहत अस्पताल में सर्जिकल वार्ड के लिए नये सेक्शन मशीन, ओटी टेबल, लाइटिंग चेयर, व्हीलचेयर, के साथ अन्य सामग्री क्रय किया गया है. अस्पताल के अंदर सर्जरी के इस व्यवस्था में कोई कमी नहीं रह जाये, इसके लिए कर्मियों की समुचित तैनाती भी की गयी है. ओटी को पूरी तरह वातानुकूलित व्यवस्था से लैस किया गया है.
पुरुष और महिला के लिए अलग व्यवस्था:
सदर अस्पताल में सर्जिकल वार्ड में अब पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्यवस्था बहाल की जायेगी. अस्पताल भवन के दूसरे मंजिले पर सर्जिकल वार्ड को व्यवस्थित करने के लिए सिविल सर्जन डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया गया है. दोनों सर्जिकल वार्डों के लिए हाईटेक उपक्रमों की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इस व्यवस्था से अब अस्पताल के अंदर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिल सकेगा. इस बाबत सिविल सर्जन ने बताया कि वैसे अस्पताल जहां महिला रोग विशेषज्ञ नहीं है. वहां विभाग ने प्राइवेट चिकित्सकों को अनुबंध के आधार पर ऑपरेशन करने का प्रावधान किया है. इस व्यवस्था के तहत प्रत्येक ऑपरेशन के लिए सर्जरी टीम को दस हजार रुपये प्रति आॅपरेशन का भुगतान किया जायेगा. विभाग इस व्यवस्था से सदर अस्पताल के अलावे बरबीघा रेफरल अस्पताल को लाभ मिल सकेगा.
प्रसव कक्ष में होगा इजाफा:
जिले के सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव के लिए लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए सर्जिकल वार्ड को दूसरे तल्ले पर स्थापित करने का फैसला लिया गया है. अस्पताल प्रबंधन के इस फैसले से जहां विभिन्न ऑपरेशन में मरीजों को सहूलियत मिलेगी. वहीं इस संस्थागत प्रसव के लिए बलों की कमी झेल रहे प्रसूतियों को बेहतर लाभ मिल सकेगा. इस फैसले से सदर अस्पताल के पहले मंजिलें पर लगभग चार अतिरिक्त कमरे प्रसव कक्ष के रूप में बढ़ोतरी कर दी जायेगी.
क्या है संस्थागत प्रसव के आंकड़े:
जिले में संस्थागत प्रसव को लेकर सदर अस्पताल के आंकड़ों पर अगर नजर डालें, तो यहां नवंबर माह में सभी 593 संस्थागत प्रसव हुए. जिसमें छह गर्भवती महिलाओं को जुड़वा संतान पैदा हुआ. वहीं संस्थागत प्रसव के दौरान 318 बालक एवं 268 बालिकाओं ने जन्म लिया. संस्थागत प्रसव के दौरान 12 मृत बच्चे ने जन्म लिया है.
जनवरी में ही बहाल होगी सुविधा
सदर अस्पताल में पिछले छह माह से बंद पड़े सिजेरियन प्रसव के साथ ऑपरेशन को इसी जनवरी महीने में शुरू कर दिया जायेगा. इसके लिए निर्धारित सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. इस व्यवस्था से प्रसव कक्ष में भी इजाफा हो जायेगा.
डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन, शेखपुरा
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