महिला ने 14 वर्षीय बेटे के साथ पहले पति के साथ रहने की इच्छा अदालत में जतायी
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छोड़कर भागने वाले पति को ही पत्नी ने अपनाया
महिला ने 14 वर्षीय बेटे के साथ पहले पति के साथ रहने की इच्छा अदालत में जतायी बरबीघा ( शेखपुरा) : जिस पति ने दिव्यांग जान कर पत्नी के रूप में स्वीकार करते हुए घर से निकाल दिया था. एक लंबी अवधि के बाद उसी पत्नी ने शरण देने वाले दूसरे पति को छोड़कर 14 […]
बरबीघा ( शेखपुरा) : जिस पति ने दिव्यांग जान कर पत्नी के रूप में स्वीकार करते हुए घर से निकाल दिया था. एक लंबी अवधि के बाद उसी पत्नी ने शरण देने वाले दूसरे पति को छोड़कर 14 वर्षीय बेटे अर्जुन के साथ पहले पति के साथ रहने की अदालत में इच्छा जतायी. मामला नगर पंचायत के फैजाबाद मुहल्ले का है. पुलिस प्रशासन ने बताया कृष्णा चौधरी ने अपनी दिव्यांग पत्नी को एक पैर से दिव्यांग होने के कारण छोड़ दिया था. बेचारगी और व्यवस्था की स्थिति में दिव्यांग महिला को ब्रम्हदेव मांझी ने शरण देकर पत्नी के रूप में रखना शुरू कर दिया, जिससे उसके तीन संतान हुए. जिसमें दो असामयिक मौत के शिकार हो गये,
जबकि एक 14 वर्षीय अर्जुन नाम का बेटा जीवित है. पड़ोसियों ने बताया इसी बीच अपनी कमाई से बचा कर रखे गये 70 से 80 हजार रुपये ब्रम्हदेव मांझी ने अपने दिव्यांग तथा कथित पत्नी का निजी खाता खुलवा कर जमा करवा दिया. इतने लंबे वर्षों के बाद जब कृष्णा चौधरी लौटकर आया तो उसने थाने में आवेदन देकर ब्रह्म देव महादेव पर पत्नी को बहला फुसला कर भगा ले जाने का मामला दर्ज करा दिया. पुलिस दबाव में आकर दिव्यांग महिला ने थाने में हाजिर होकर अपनी इच्छा से ब्रह्मदेव मांझी के साथ जाने की बात बतायी, लेकिन अदालत में कृष्णा चौधरी के साथ ही रहने की इच्छा जतायी. ब्रह्मदेव मांझी एक लंबे वक्त तक उस दिव्यांग महिला को शरण देकर पत्नी के रूप में रखने तथा अपनी गाढ़ी कमाई को उसके नाम पर कर देने के बाद खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है.
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