शिवहर : महात्मा गांधी के शिवहर आने की तिथि को समारोह पूर्वक मनाने मनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.पूर्व जिला परिषद सदस्य व साइंस फॉर सोसाइटी के जिला अध्यक्ष अजब चौधरी ने डीएम से इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया है.
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खपरैल मकान में गांधीजी ने किया था विश्राम
शिवहर : महात्मा गांधी के शिवहर आने की तिथि को समारोह पूर्वक मनाने मनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.पूर्व जिला परिषद सदस्य व साइंस फॉर सोसाइटी के जिला अध्यक्ष अजब चौधरी ने डीएम से इस दिशा में पहल करने का आग्रह किया है. श्री चौधरी ने प्रभात खबर से बातचीत ने बताया बताया कि […]
श्री चौधरी ने प्रभात खबर से बातचीत ने बताया बताया कि 29 जनवरी 1927 को गांधी जी दूसरी बार मुजप्फरपुर आये इसी क्रम में वे 31 जनवरी 1927 चंपारण होते हुए पहली बार सीतामढ़ी पधारे . इसी दौरान 31 जनवरी को ही शिवहर में स्वतंत्रता सेनानी वसुदेव वर्मा के फोर्ट गाड़ी से पहुंचे थे. इस दौरान सीतामढ़ी में शिवहर के महुअरिया निवासी प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व बिहार लेजिस्लेटिव एसेंबली के सदस्य ठाकुर रामनंदन सिंह ने उनके स्वागत की पूरी तैयारी की थी. बाबा नरहरि दास एवं रत्नेश्वरी सिंह को उनके स्वागत में लगाया गया था.
कमरौली के वासुदेव प्रसाद वर्मा को सीतामढ़ी स्टेशन से गांधी जी को शिवहर तक लाने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. सीतामढ़ी स्टेशन पर शिवहर व सीतामढ़ी के सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानी गांधी जी का झलक पाने को मौजूद थे. गांधी जी बैरगनिया की ओर से सीतामढ़ी स्टेशन पर उतरे.उसके बाद वसुदेव बाबू फोर्ट गाड़ी में बैठा कर उन्हें शिवहर तक ले आए. इधर शिवहर में बाबू नवाब सिंह ने महात्मा गांधी के स्वागत की तैयारी पूरी कर ली थी.प्रत्यक्षदर्शी लालगढ़ के स्वतंत्रता सेनानी बाबू कीर्ति नारायण सिंह बनाते थे कि राष्ट्रीय स्कूल के पश्चिम महंत उदित दास के खेत में ऊंचा मंच बनाया गया था .
गांधीजी शिवहर पहुंचने के बाद सबसे पहले राष्ट्रीय स्कूल के में छात्रों के बीच पारितोषिक वितरण किया .उसके बाद मंच पर आसीन हो गये. शिवहर में उन्हें देखने एवं सुनने के लिए लाखों की भीड़ की थी.
उन्होंने आजादी की लड़ाई में शिवहर के स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका की सराहना करते हुए लोगों से इस लड़ाई में सहयोग की. शिवहर में स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा थैली में उन्हें 749 रुपये सहयोग राशि के रूप में चंदा दिया गया.जबकि सभा में से शिवहर के लोगों ने उन्हें 312 रुपये नौ आना छह पाई पैसे की राशि सहयोग स्वरूप दिया. उसके बाद गांधीजी सीतामढ़ी के लिए प्रस्थान कर गये.सीतामढ़ी स्टेशन रोड में ठाकुर रामनंदन सिंह ने उनके ठहरने के लिए एक खपरैल मकान बनवाया था.
जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया. ठाकुर साहेब के सहयोग से सीतामढ़ी शहर में उन्हें 832 रुपये आठ आना की थैली सौंपी गयी. जबकि सभा से 631 रुपये दो आना नौ पैसे की राशि इकट्ठा कर आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए दिया गया. कहा कि शिवहर को आज गांधी के विचार धारा की जरूरत है. ऐसे में उनके आगमन तिथि को समारोह के रूप में मनाया जाना चाहिए.
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