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सकारात्मक सोच से नकारात्मक ऊर्जा का हृास

शिवहर : स्थानीय प्रजापिता ब्रहृम कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में प्रभारी भारती बहन के अध्यक्षता में स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें विश्वविद्यालय के सदस्य भाईओं ने अध्यात्म के साथ जीवन जीने की कला के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मौके पर प्रभारी ने कहा कि साकारात्मक सोंच से नाकारात्मक उर्जा का […]

शिवहर : स्थानीय प्रजापिता ब्रहृम कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में प्रभारी भारती बहन के अध्यक्षता में स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें विश्वविद्यालय के सदस्य भाईओं ने अध्यात्म के साथ जीवन जीने की कला के बारे में विस्तार से जानकारी दी. मौके पर प्रभारी ने कहा कि साकारात्मक सोंच से नाकारात्मक उर्जा का हृास होता है. इसी लिए सभी लोगों को साकारात्मक सोंच के साथ आगे बढ़ना चाहिए. कहा कि पहले स्वयं को बदले तभी विश्व का बदलाव होगा. उन्होने भारत के संदर्भ में कहा कि भारत कभी सोने की चिडि़या स्वर्णीम भारत के रूप में जाना जाता रहा.

किंतु आज कहां कमी है. इस पर चिंतन मनन करने की जरूरत है. उन्होने स्वामी विवेका नंद के साकारात्मक व अध्याध्यिक सोंच की चर्चा करते हुये कहा कि शिकागो अधिवेशन में गीता को सभी धार्मिक पुस्ककों ने नीचे रखा गया था. जिसका उद्ेश्य हमे नीचा दिखाना था. किंतु जब स्वामी जो ने बोलते हुये कहा कि आपने हमे बड़ा मान दिया है. हमारे ग्रंथ को बुनियाद माना है. उसके बाद जब उन्होने गीता को नीचे से उठाया तो सभी ग्रंथ नीचे गिर गये. अर्थात मजबूत बुनियाद पर ही बहुमंजली इमारात खड़ी की जा सकती है. जब बुनियाद की गीता को उठाया तो सभी ग्रंथ गिर पड़े. कहा

कि जब गीता को नीचे रखा गया था तो उस समय स्वामी जो विचलित नहीं हुये. बल्कि उसका सामना करते हुये साकारात्मक सोंच के बल पर विश्व में भारत का मान बढ़ा दिया. उन्होने व्यस्त समाय में से थोड़ा वक्त अध्यात्म को समर्पित करने की अपील की. भारती बहन ने कहा कि यह ईश्वारीय विश्व विद्यालय करीब 155 देशों में संचालित होता है. करीब दस लाख से अधिक लोग इससे जुड़कर जीवन जीने की कला को सिख रहे है. कहा कि राज योग प्रशिक्षण लोगों को जीवन जीने की कला सिखाता है. तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए भी साकारात्मक सोंच जरूरी है. सभी विकारों के मूल में नाकारात्मक सोंच है. नाकारात्मक सोंच से ही दैविक, दैहिक व भौतिक विकार उत्पन्न होते है. जिससे मनुष्य अपने स्वाभाविक

मानवीय गुणों को भूलकर भटक जाता है. इस दौरान डॉ उदय शंकर शर्मा ने बताया कि 19 से 21 दिसंबर तक समारणालय मैदान में प्रजापिता ब्रहृमा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वाधान में चरित्र निर्माण अध्यात्मिक चित्र प्रर्दशनी व नशा मुक्ति अभिायान कार्यक्रम संचालित होगा. इस दौरान नशा मुक्ति की दवा का भी वितरण किया जायेगा. जबकि 23 से 25 दिसंबर तक राजयोग तनाव मुक्त शिविर का आयोजन किया जायेगा. कार्यक्रम का समापन आर आर कॉलेज शिवहर के प्राचार्य उमेश नंदन सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया. प्रार्थना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ व समापन किया गया.

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