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देकुली धाम में श्रावणी मेला को लेकर रंग रोगन के साथ युद्ध स्तर पर चल रही तैयारी

डीएम ने दिया साफ/सफाई करने का निर्देश सिविल ड्रेस में देकुली धाम में रहेगी पुलिस प्रतिनिधि : शिवहरसावन को लेकर जिला केऐतिहासिक व धार्मिक स्थल बाबा भुवनेश्वर नाथ देकुली धाम मंदिर पर श्रावणी मेला की तैयारी तेजी से की जा रही है. शहर से लेकर गांव के अन्य शिवालयों में भी रंग रोगन व सजावट […]

डीएम ने दिया साफ/सफाई करने का निर्देश

सिविल ड्रेस में देकुली धाम में रहेगी पुलिस
प्रतिनिधि : शिवहरसावन को लेकर जिला केऐतिहासिक व धार्मिक स्थल बाबा भुवनेश्वर नाथ देकुली धाम मंदिर पर श्रावणी मेला की तैयारी तेजी से की जा रही है. शहर से लेकर गांव के अन्य शिवालयों में भी रंग रोगन व सजावट का कार्य शुरू होने लगा है. ग्रामीण क्षेत्रों के सभी मंदिर में सुरक्षा, सजावट व अनुष्ठान की तैयारी में श्रद्धालु जुटे हैं.
सावन में प्रत्येक दिन रुद्राभिषेक, तो कहीं गंगा महाआरती, तो कहीं विभिन्न अनुष्ठान की तैयारी प्रखंड क्षेत्र के शिव मंदिरों में चल रही है. जिला प्रशासन व मंदिर प्रशासन भी इस बार श्रावणी मेला को लेकर काफी सजग है. महंथ के परिवार के सदस्य सुजीत कुमार भारती ने बताया कि युद्ध स्तर श्रावणी की तैयारी की जा रही है. इस दौरान मेडिकल टीम भी धाम स्थल पर रहेगी.
हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का है संयोगराजलक्ष्मी आश्रम के आचार्य पंडित वेदप्रकाश शास्त्री ने कहा कि इस बार सावन माह में कई शुभ संयोग मिल रहा है. हरियाली अमावस्या पर 125 वर्षों के बाद पंच महायोग का संयोग सावन माह में शुभ व बड़े संयोग से बन रहे हैं. 17 जुलाई को सूर्यप्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत हो रही है. इस दिन वज्र और विष कुंभ योग भी बन रहा है. इस माह पूरे सावन में चार सोमवारी होगा.
22 जुलाई को पहली सोमवारी, 29 जुलाई दूसरी सोमवारी, 05अगस्त को तीसरी सोमवारी,12 अगस्त को चौथी सोमवारी एवं सावन के अंतिम दिन 15 अगस्त कोस्वतंत्रता दिवस व रक्षाबंधन एक ही दिन मनाया जायेगा. साथ ही एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंच महायोग का संयोग बन रहा है.दावा है कि यह संयोग लगभग 125 साल के बाद आ रहा है.
एक अगस्त को हरियाली अमावस्या पर पंचमहायोग का संयोग बन रहा है. इस दिन पहला सिद्धि योग, दूसरा शुभ योग, तीसरा गुरु पुष्यामृत योग, चौथा सर्वार्थ सिद्धि योग और पांचवां अमृत सिद्धि योग का संयोग है. पंच महायोग के संयोग में श्रद्धालुओं ने कुल देवी/देवता व मां पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. साथ ही प्रकृति के हरे भरे रहने की संभावना है.
जबकि पांच अगस्त को सावन की तीसरे सोमवारी को नागपंचमी का शुभ पर्व भगवान शिव का विशेष दिन है. सोमवार और नागपंचमी दोनों पर्व एक ही दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है. इसलिए इस बार नागपंचमी का विशेष महत्व माना जाता है. नागपंचमी के दिन चंद्र प्रधान हस्त नक्षत्र और त्रियोग का संयोग भी बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्धि योग और रवि योग यानी त्रियोग के संयोग में काल सर्प दोष निवारण के लिए पूजा करना अति फलदायी होता है.

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