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साड़ी नदी में फेंक बचायी लोगों की जान

नाव दुर्घटना. बागमती नदी में डूब रहे लोगों की जीवनदायिनी बनी महासुंदरी देवी पुरनहिया : सुबह में जब खैरापहाड़ी गांव के पास नाव दुर्घटना हुई तो लोगों में खेती के काम से गये लोगों ने नदी की ओर दौड़ लगा दी. देखते ही देखते गांव की भीड़ जमा हो गयी. पुरुष वर्ग के लोग सोच […]

नाव दुर्घटना. बागमती नदी में डूब रहे लोगों की जीवनदायिनी बनी महासुंदरी देवी

पुरनहिया : सुबह में जब खैरापहाड़ी गांव के पास नाव दुर्घटना हुई तो लोगों में खेती के काम से गये लोगों ने नदी की ओर दौड़ लगा दी. देखते ही देखते गांव की भीड़ जमा हो गयी. पुरुष वर्ग के लोग सोच ही रहे थे कि कैसे डूबते को बचाया जाय.
वहीं मौके पर मौजूद महासुंदरी देवी ने तुरंत अपनी साड़ी खोल एक भाग में मिट्टी का टुकड़ा बांधा व नदी में मिट्टी से बंधा भाग फेंक दिया व साड़ी दूसरा भाग अपने हाथ में रखकर डूबते लोगों को बचाने लगी. उसके बाद तैराक ग्रामीण नदी के छलांग लगाकर, तो कोई हाथ बढ़ाकर डूबते लोगों को बचाया.
लोगों को बचाने में उक्त महिला ने जो साहस दिखाया. उसकी सराहना करते लोग थक नहीं रहे थे. उसके साबित किया कि नवरात्र प्रारंभ है. एक मां के लिए बच्चा का जीवन अनमोल है. जिसे बचाने के लिए मां कुछ भी कर सकती है. इसलिए तो कहा गया है पुत्र कुपुत्र हो सकता है. किंतु माता कुमाता नहीं हो सकती है.
समाचार प्रेषण तक चार थे लापता
समाचार प्रेषण तक नाव दुर्घटना के कारण चार लोग लापता थे. जिनकी तलाश एसडीआरएफ की टीम कर रही थी. लापता लोगों में 40 वर्षीय सिया सुंदर देवी व 10 वर्षीय उसकी पुत्री काजल कुमारी, 40 वर्षीय मु कैशल्या देवी व 13 वर्षीय नीतु कुमारी का नाम शामिल है.
नाविक के नहीं रहने के कारण ग्रामीण कर रहे थे नाव खेने का उपक्रम: बताया जाता है जो नाव दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. वह सरकारी नाव है. जिसके नाविक सुधि मियां हैं. उनको पारिश्रमिक ग्रामीण देते हैं.
सुबह नौ बजे तक वे नदी तट पर नहीं पहुंचे थे. ऐसे में नाव पर सवार लोगों ने पतवार थाम कर स्वयं नाव खेने का उपक्रम किया. इसी बीच नाव पर अधिक लोग सवार होने के कारण ज्योंहि नाव को तट के समतल भूमि ने जल की ओर ले जाया गया. नाव का एक सिरा मिट्टी पर था. जबकि दूसरे सिरे पर लोगों की संख्या जल की तरफ अधिक होने के कारण संतुलन बिगड़ गया. इसके पूर्व की नाव पर सवार लोग संभल पाते. नाव का एक भाग नदी में डूब गया. जिससे हादसा हुआ.
पारिवारिक लाभ की राह ताकते मर गयी मु कौशल्या: ग्रामीणों की माने तो नाव हादसा में लापता मु कौशल्या के पति नरेश पासवान की मृत्यु एक वर्ष पहले हुई थी. जिसके पारिवारिक लाभ के लिए वह एक वर्ष से सरकारी कार्यालय का चक्कर लगा रही थी. किंतु किसी भी सरकारी मुलाजिम ने उसकी सुधि नहीं ली.
इधर उसकी मृत्यु के बाद उसका 10 वर्षीय पुत्र साजन कुमार व सात वर्षीय पुत्री रेशमी कुमारी अनाथ हो गयी है. क्या परवरिश योजना के तहत सरकारी मुलाजिम उसका ख्याल करेंगे. ग्रामीणों के बीच संशय की स्थिति बनी हुई है.
लापता की तलाश करे प्रशासन: राजद
शिवहर. पूर्व विधायक व राजद के वरीय नेता अजीत कुमार झा व जिला अध्यक्ष सुमित कुमार उर्फ दीपू वर्मा ने पुरनहिया प्रखंड के खैरापहाड़ी में हुई नाव दुर्घटना में लापता लोगों की तलाश करने की मांग की. उन्होंने लापता लोगों के परिजन को संयम से कार्य करने की अपील करते हुए गहरी संवेदना व्यक्त की है. वही ईश्वर से प्रार्थना किया है कि अगर कोई इस हादसा में जान गंवा दिया है. तो ईश्वर उस परिवार को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे.
मुआवजा की मांग: शिवहर. जिला राजद के प्रधान प्रवक्ता शिशिर कुमार ने पुरनहिया प्रखंड के खैरा पहाड़ी गांव में बागमती नदी में आज हुई भीषण नाव दुर्घटना में कई महिलाओं एवं बच्चों के डूब कर मर जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने घटना की जांच कराने तथा मृतकों के परिजनों को मुआवजे का भुगतान शीघ्र करने की मांग जिला प्रशासन से की है.
काल के गाल में समाने से बचे डेढ़ दर्जन लोग: नाव दुर्घटना में सवार करीब डेढ़ दर्जन लोगों को ग्रामीणों के सहयोग से बचा लिया गया. नाव में सवार लोगों में प्रदुम्न राय, दरोगा पासवान, संबोधन पासवान, अजय पासवान, अवधेश पासवान, साहेब पासावन, कांति देवी, सांझा देवी, शांति देवी, पुर्णिमा देवी, विलास साह,राजवती देवी, शैलेंद्र पासवान, ओम प्रकाश, विसुनदेव महतो व जगेश्वर महतो समेत कई मौजूद थे. जिन्हें ग्रामीणों के सहयोग से बचा लिया गया है.

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