फोटो- 30- इकट्ठा होकर गीत गातीं आदिवासी महिलाएं. अकबरपुर. रोहतासगढ़ किले पर शनिवार को पांच राज्यों के उरांव जाति के सैकड़ों लोगों ने अपने राजकीय पर्व सरहुल (खदी) को धूमधाम से मनाया. मौके पर अतिथियों ने कहा कि किले की बगल में बसा गांव बभन तालाब के परिसीमन में उरांव ने पहली बार सामूहिक रूप से भाग लिया. यह सरहुल पर्व उरांव पूजा पद्धति के अनुसार शुरू किया गया. इसमें रोहतासगढ़ पंचायत के बैगा मोती उरांव, पनभरा वीरेंद्र उरांव, सुरेंद्र उरांव समेत सैकड़ों ग्रामीणों और झारखंड, बंगाल व ओडिशा से चल कर आये. कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों के साथ मंदार के साथ नाच-गान करते महिला एवं पुरुष किले के प्रांगण में आये और अपने प्रकृति पूजा कर्म वृक्ष के नीचे इकट्ठा होकर नाच-गान किया. साथ ही अपने पुरखों को भी नमन किया. सभी राज्यों के उरांव आदिवासी लोगों ने अपने भाईचारे को आपस में आत्मसात किया. बाहर से आने वाले अतिथियों में पश्चिम बंगाल के बंधन उरांव, ओडिशा के मनमोहन उरांव, मंगला खलखो, वासुदेव खलखो, झारखंड से जितेश उरांव, सुशील उरांव, पूजा कुमारी, गंगू पहान, बिहार के पिपरडीह पंचायत से श्याम नारायण उरांव पूर्व मुखिया, केश्वर उरांव, वीरेंद्र उरांव, रोहतास गढ़ पंचायत से समाजसेवी मनोज उरांव, बीरेंद्र उरांव ,सुरेंद्र उरांव ,मोती उराव कैमूर जिले के आथन पंचायत से प्रमोद उरांव समेत सैकड़ो लोग उपस्थित थे.
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