कोचस. नगर पंचायत में अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में सब्जी आढत व खुदरा फल विक्रेताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन मंगलवार को भी जारी रही. इससे शहरवासियों को हरी सब्जियों को लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक तरफ फल व सब्जी विक्रेताओं ने बस पड़ाव के समीप सब्जी मंडी में पंडाल लगाकर नगर पंचायत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, नगर प्रशासन ने भी इनकी मांगों को नाजायज करार देते हुए मानने के लिए तैयार नहीं है. नगर इओ ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि सब्जी के आढत व्यवसायियों की मांगें पूरी तरह नाजायज है. उन्होंने बताया कि संवेदक ने वर्ष 2016 में नगर पंचायत के सामान्य बोर्ड की बैठक में निर्धारित शुल्क के आधार पर शहर में सालों से सब्जी व्यवसायियों के साथ समझौता करके बाजारी व लोडेड ट्रक से मामूली राशि का वसूली कर रहा है. पिछले साल वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान संवेदक के द्वारा सब्जी मंडी के ट्रकों से जहां 650 रुपये प्रति ट्रक लिये जा रहे थे. वहीं, वित्तीय वर्ष 2025-26 में डाक की राशि अधिक बढ़ने के कारण संवेदक ने व्यवसायियों से 800 रुपये प्रति ट्रक की मांग की, जो बोर्ड द्वारा निर्धारित दर से काफी कम है. इओ ने बताया कि नगर पंचायत बोर्ड की ओर से ट्रक की प्रति 25 किलो की बोरी पर छह रुपये निर्धारित किया है. यदि संवेदक ने बोर्ड द्वारा निर्धारित दर पर सब्जी व्यवसायियों से वसूली शुरू कर देे, तो उन्हें प्रति ट्रक छह से सात हजार रुपये टैक्स के रूप में देने पड़ जायेंगे. उन्होंने बताया कि नगर प्रशासन की ओर से इतनी छूट देने के बाद भी व्यवसायियों द्वारा अनावश्यक दुकान बंद कर देना नाजायज है. इधर, नगरवासियों का कहना है कि सब्जी मंडी में विक्रेता स्वयं सब्जी व फलों का दाम तय कर उन्हें ऊंची दामों पर बेचते हैं. इसके साथ ही माप तौल में भी जालसाजी करते हैं. गृहिणी कंचन देवी, रुपम कुमारी, राधिका देवी, रेनू देवी, सोनी कुमारी, राधिका देवी, खुशी देवी व मधु कुमारी ने बताया कि पूर्व में कोचस मार्केट में अच्छे किस्म की फल व सब्जियां सस्ते कीमत पर उपलब्ध हो जाती थी. लेकिन, अब आये दिन सब्जी व्यवसायियों द्वारा उपभोक्ताओं का शोषण किया जा रहा है. शहर के भिन्न भिन्न दुकानों पर अलग अलग रेट निर्धारित है. इसकी प्रशासनिक स्तर पर जांच अत्यंत आवश्यक है.
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