फोटो-27- शव को निकालते ए- रोते-बिलखते परिजन. प्रतिनिधि, डेहरी नगर नगर थाना क्षेत्र के न्यू डिलियां वार्ड-20 के निवासी सरोज खां उर्फ राजू की छह वर्षीय बेटी उमरा खां के लापता होने के 55वें दिन घर के समीप ही पानी भरे गड्ढे से सोमवार को पुलिस ने उसका शव बरामद किया. पुलिस ने परिजनों से शव की शिनाख्त कराया और पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया. शव बरामदगी के बाद एसपी रौशन कुमार ने प्रेसवार्ता कर जानकारी दी कि उमरा खां 31 दिसंबर 2024 की शाम करीब चार बजे अपने मुहल्ले की मस्जिद के पास अपनी बड़ी बहन आठ वर्षीय इशरा खान, पड़ोसी 7 वर्षीय साबिर व पांच वर्षीय सिफा के साथ खेलने के लिए गयी थी. जहां से बड़ी बहन इशरा खान व पड़ोसी सीफा कुछ देर बाद घर लौट गये थे. उमर खान व साबिर खेलते-खेलते मस्जिद से थोड़ी दूर पर स्थित आनंद मार्गी स्कूल के पास चले गये थे. स्कूल से थोड़ी ही दूर पर जहां मुहल्ले का कचरा व पानी गिरता है, वहीं पर उमर खान अपनी पड़ोसी बच्चे साबिर से कचरा व दलदल होकर जाने वाले रास्ते से घर लौटने के लिए बोल रही थी. इसके बाद साबिर वहीं पर उमरा खान को छोड़कर दूसरे रास्ते से अपने घर वापस लौट गया. इसके बाद से उमरा खान का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद उमरा खान के के पिता ने गुमशुदगी का आवेदन दिया था. एसपी ने बताया कि कांड के अनुसंधान के क्रम में लापता बच्ची के माता-पिता व अन्य परिजनों के बयान के बाद जहां वह अंतिम बार देखी गयी थी. उस स्थान के अगल-बगल के सीसीटीवी को देखा गया, लेकिन उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला और न बच्ची दिखाई दी. अगल-बगल के गड्ढे से मोटर लगाकर पानी भी निकलवाया गया था. लेकिन, बच्ची का पता नहीं चल सका था. घर-घर की ली गयी थी तलाशी एसपी ने बताया कि लापता बच्ची का पता लगाने के लिए उसके परिजनों के साथ उस मुहल्ले के लगभग प्रत्येक घर की तलाशी ली गयी थी. हर तरह का प्रयास किया गया था. सीसीटीवी को देखने के बाद यह स्पष्ट था कि बच्ची या कोई संदिग्ध मुहल्ले से बाहर नहीं गया है. उन्होंने बताया कि उमरा के शव का मेडिकल बोर्ड गठित करा पोस्टमार्टम कराया गया है. शव से डायटम का नमूना लेकर टेस्ट के लिए एफएसएल को भेजा गया है. रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु के कारण का पता चलेगा. परिजनों का रो-रो कर बुरा हुआ हाल उमरा के परिजनों ने कहा कि पुलिस ने उतनी सक्रियता नहीं दिखायी, जिसके कारण बेटी का शव आज बरामद हुआ है. हाल के दिनों में सामाजिक संगठनों के आक्रोश के मद्देनजर अपहरणकर्ता ने दबाव में आकर उसकी हत्या कुछ दिनों पहले की है. क्योंकि, 55 दिनों में शव इतना खराब हो जाता कि पहचान करना मुश्किल हो जाता. इधर, शव मिलते ही उमरा की मां रौनक जहां के चित्कार से मोहल्ला सिहर उठा. लोगों की आंखें नम हो गयी.
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