सासाराम ऑफिस. मेरी बेटी भी अब उस स्कूल में पढ़ेगी, जहां अब तक हम सिर्फ बाहर से झांकते थे…ये भावुक शब्द हैं फजलगंज सासाराम की सविता देवी के, जिनकी बेटियां लवली और बबली अब शिक्षा का वह सपना देख रही हैं, जिसे उन्होंने कभी अपनी आर्थिक मजबूरियों के चलते अधूरा छोड़ दिया था. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीइ) 2009 की धारा 12(1)(सी) अब महज किताबों में दर्ज एक प्रावधान नहीं रह गया है, बल्कि यह हजारों गरीब और वंचित परिवारों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर उभरा है. इसी का नतीजा रहा कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के पहले चरण में अब तक जिले के विभिन्न 364 निजी स्कूलों में करीब 1650 से ज्यादा बच्चों का नामांकन पूर्ण हो चुका है, जो सरकार की मंशा स्पष्ट और सकारात्मक बताती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है. अभी भी बड़ी संख्या में अभिभावक ऐसे हैं जिन्हें इस योजना की जानकारी नहीं है, या वे ऑनलाइन प्रक्रिया से अनभिज्ञ हैं. कई स्कूलों की उदासीनता भी एक चुनौती बनी हुई है. पहले चरण के बाद दूसरे चरण में नामांकन प्रक्रिया शुरू नामांकन के पहले चरण के बाद दूसरे चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू है. अब तक 587 आवेदन आ चुके हैं. लेकिन, शिक्षा विभाग ने आवेदनों की संख्या बढ़ाने के लिए ऑनलाइन नामांकन की अंतिम तिथि 19 अप्रैल 2025 तक बढ़ा दी है. दूसरे चरण की प्रक्रिया के अंतर्गत डीजी (वंचित समूह) और इडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के बच्चों के लिए ज्ञानदीप पोर्टल (http://gyandeeponline.bihar.gov.in) पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा उपलब्ध है. महत्वपूर्ण तिथियां छात्र पंजीकरण की अंतिम तिथि – 19 अप्रैल 2025 पंजीकृत छात्रों का सत्यापन – 21 अप्रैल 2025 तक ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया – 25 अप्रैल 2025 स्कूल में नामांकन की अवधि – 26 से 30 अप्रैल 2025 शिक्षा विभाग का निर्देश सुनिश्चित हो अधिक से अधिक नामांकन प्राथमिक शिक्षा निदेशक शिक्षा विभाग ने जारी पत्र में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीइओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (डीपीओ) को स्पष्ट निर्देश दिया हैं कि नामांकन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित किया जाए. पात्र अधिकतम बच्चों तक इसका लाभ पहुंचे. अभिभावकों से की गयी अपील शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि वे निर्धारित समय-सीमा के भीतर पोर्टल पर जाकर अपने बच्चों के लिए आवेदन करें. इस योजना के तहत पहली कक्षा से लेकर निजी स्कूलों में 25% सीटों पर पूर्णत: निशुल्क शिक्षा का प्रावधान है. यह पहल न केवल शिक्षा में समानता को बढ़ावा देती है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में भी एक ठोस कदम है.
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