मांझी. कृषि विज्ञान केंद्र, मांझी में गुरुवार से उर्वरक अनुज्ञप्ति के लिए 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम का आयोजन समेकित पोषक तत्व प्रबंधन विषय पर किया गया, जिसमें प्रथम बैच के प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन उपनिदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के डॉ रत्नेश कुमार झा ने दीप प्रज्वलन कर किया. अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने मिट्टी, जल, वायु, अग्नि और आकाश इन पंचतत्वों की महत्ता बताते हुएमिट्टी एवं पर्यावरण संरक्षण पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने प्रतिभागियों से अपील की कि वे किसानों तक सही जानकारी पहुँचाएं और मिट्टी की उर्वरता बनाये रखने में सहयोग करें. कृषि विज्ञान केंद्र, मांझी के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ संजय कुमार राय ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए सरकार द्वारा शुरू किये गये इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी. उन्होंने मिट्टी स्वास्थ्य, पोषक तत्व प्रबंधन और मिट्टी जांच की अनिवार्यता पर विशेष बल दिया. उन्होंने कहा कि सही पोषक तत्व प्रबंधन से ही गुणवत्तापूर्ण उत्पादन संभव है.प्रशिक्षण में 15 दिन में 44 विषयों पर होगी चर्चा
प्रशिक्षण के मुख्य प्रशिक्षक डॉ जितेन्द्र चन्द्र चन्दोला ने कार्यक्रम की रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि आगामी 15 दिनों में कुल 44 विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा. इन विषयों पर कृषि विज्ञान केंद्रों और विश्वविद्यालयों के विभिन्न अनुभवी प्रशिक्षक सत्र लेंगे. कार्यक्रम को डॉ विजय कुमार ने भी संबोधित किया और प्रतिभागियों को उर्वरक नीति, पर्यावरणीय प्रभाव और खेत स्तर पर प्रयोग की जाने वाली तकनीकों की जानकारी दी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सारण जिले के 12 प्रखंडों से कुल 40 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम को सफल बनाने में कृषि विज्ञान केंद्र के अमितेश कुमार गौरव, रामा रंजन, राकेश कुमार, उमाशंकर, अंकित मिश्रा व अवनीश पांडेय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

