छपरा. नगर निगम क्षेत्र में नाला सफाई का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं. पिछले तीन दिन में हुई बारिश ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि नालों की सफाई का काम अधूरा पड़ा है और जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. नगर निगम ने हमेशा की तरह इस बार भी नाला सफाई अभियान की शुरुआत देर से की है और गति भी बहुत धीमी है. इस कारण शहरवासियों को जलजमाव और बीमारियों का डर सता रहा है. गंदे नालों में पानी भरे होने से मच्छरों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैल सकती हैं.
नाले की सफाई और जलजमाव की स्थिति : नगर निगम के तहत 42 नालों में से सिर्फ दो नालों की सफाई हुई है और वह भी अधूरी स्थिति में. इससे नालों का पानी सड़कों पर जमा हो रहा है, जो शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. जलजमाव से आम जनता की जिंदगी प्रभावित हो रही है और व्यवसाय भी ठप हो रहे हैं. व्यापारियों को नुकसान हो रहा है और नागरिकों को सड़कों पर चलने में भी कठिनाई हो रही है. जलजमाव और गंदे पानी के कारण मच्छरों की संख्या में वृद्धि हो सकती है, जिससे कई तरह की बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि नगर निगम ने इस समस्या से निपटने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं. शहरवासी इस बात से चिंतित हैं कि कहीं पिछले साल की तरह जलजमाव के कारण उन्हें घर छोड़ने की स्थिति न आ जाये. पिछले साल भी भारी बारिश और नाला सफाई की धीमी गति के कारण जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी. लोगों का कहना है कि इस बार नाला सफाई की गति इतनी धीमी है कि मई के पहले यह काम पूरा होता नहीं दिख रहा है.
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