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saran news : गंगा, गंडक और सरयू की नहीं थम रही रफ्तार, रिविलगंज, सदर और सोनपुर के कई गांव डूबे

saran news : सबलपुर के चारों पंचायत में घुसा पानी, सरकारी सहायता नहीं मिलने से लोग नाराजसबलपुर में कटाव से 100 से अधिक घर नदी में समाये

छपरा. पड़ोसी राज्यों में लगातार बारिश और डैम से छोड़े जा रहे पानी का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. गंगा, गंडक और सरयू के जल स्तर में वृद्धि की रफ्तार में कोई कमी नहीं आ रही है.

सारण जिले के सोनपुर प्रखंड के कई पंचायत अब पूरी तरह से प्रभावित हो गये हैं. इसी तरह छपरा और गड़खा प्रखंड के कई गांव भी डूब चुके हैं. रिविलगंज प्रखंड भी बुरी तरह से प्रभावित हो चुका है. ग्रामीण भयाक्रांत हैं और पलायन करने लगे हैं.

इन पंचायतों में बढ़ी परेशानी

सारण जिले में आयी बाढ़ का असर अब कई प्रखंडों की पंचायत में स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है. जिले के सोनपुर प्रखंड के सबलपुर पूर्वी, पश्चिम, उत्तरी और दक्षिणी चारों पंचायतें डूब चुकी हैं. इसके अलावा राहरदियारा, गंगाजल, नजर मीरा और शाहपुर में भी गंगा ने अपना भयानक रूप दिखाना शुरू कर दिया है. स्थानीय ग्रामीण सुजीत कुमार बताते हैं कि आज तक कोई सरकारी मदद उन लोगों के पास नहीं पहुंची है. नदी के कटाव में 100 से अधिक घर विलीन हो चुके हैं. उन्होंने कई वीडियो भी दिखाते हुए बताया कि कैसे लोगों का घर नदी में डूब गया है. इसी तरह सदर प्रखंड के कुतुबपुर दियारा निवासी चंदन कुमार राय ने बताया कि उनके आसपास का बरहरा महाजी पंचायत, कोटवा पट्टी रामपुर पंचायत और इसके गांव चकिया, कुतुबपुर, दयालपुर, सुरतपुर आदि गांव में नदी का पानी घुस गया है. इसके अलावा रायपुर बिन गम पंचायत के बलवंतटोला और बिंदगावा में भी नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. ग्रामीण जान-माल की सुरक्षा को लेकर प्रशासन की तरफ नजर टिकाये हुए हैं. इसके अलावा नयागांव, पहलेजा, छपरा सदर प्रखंड के डोरीगंज, सदर प्रखंड के ही शहरी क्षेत्र के रोजा, तेलपा, दहियावां बिंद टोली, रिविलगंज प्रखंड के दीलिया रहीमपुर पंचायत, ईनई आदि गांव में बाढ़ का कहर देखा जा सकता है. मंगलवार की शाम तक कोई सरकारी मदद नहीं पहुंची थी.

डीएम ने की समीक्षा, अफसरों को किया अलर्ट

जिलाधिकारी अमन समीर ने मंगलवार को बढ़ते जल स्तर को ध्यान में रखते हुए सभी प्रखंडों के बीडीओ और सीओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की और पूरी स्थिति पर नजर रखने का आदेश दिया. साथ ही राहत सामग्री और मानवीय सहायता करने का आदेश दिया. सभी ऑफिसर्स को लगातार मॉनीटरिंग करने का आदेश दिया है और प्रभावित परिवारों तक सहायता सामग्री पहुंचाने का आदेश दिया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि यदि किसी भी स्तर से लापरवाही का मामला सामने आता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

मंगलवार की स्थिति

बाढ़ प्रमंडल विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गांधी घाट के पास गंगा नदी के जल स्तर में अधिक वृद्धि हो रही है. यहां 48.60 मीटर के जल स्तर को खतरे के निशान माना गया है और फिलहाल 9 सितंबर की सुबह 6:00 बजे तक 49.42 मीटर जल स्तर है. यानी खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है. ऐसे में अधिकारियों का टेंशन बढ़ना लाजिमी है. क्योंकि यह एचएफएल की ओर बढ़ रहा है. घाघरा का छपरा में जल स्तर का खतरे का निशान 53.68 मीटर है. अभी 52.37 तक पहुंच गया है. इसमें भी लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं सिसवन में घाघरा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. यहां 57.04 खतरे का निशान है और 57.14 तक जल स्तर पहुंच गया है. हालांकि सोमवार के मुकाबले मंगलवार को एक सेंटीमीटर की कमी आयी है. बात करें गंडक हाजीपुर की, तो इसका खतरे का निशान 50.32 मीटर है. वर्तमान स्थिति 49.38 मीटर है. इसी तरह गंडक रीवा का खतरे का निशान 54.41 है, जबकि वर्तमान स्थिति 53.05 मीटर है.

क्या कहते हैं जिलाधिकारी

डीएम अमनन समीर ने कहा कि पल-पल की स्थिति पर नजर रखी जा रही है. सभी अधिकारियों को प्रतिदिन मॉनीटरिंग करने का आदेश दिया गया है. राहत सामग्री और सहायता दोनों उपलब्ध करायी जा रही है.

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