बनियापुर. काफी खर्च और कड़ी मेहनत के बाद भी गेंहू और मक्के का उत्पादन औसत से काफी कम होने से किसानों को आर्थिक क्षति उठानी पर रही है. महेश राम, पशुपति सिंह, अजय सिंह,योगेंद्र सिंह आदि किसानों ने बताया कि गत मार्च महीने के प्रारंभ से ही लगातार पछुआ हवा चलने की वजह से खेतों की नमी गायब हो गयी.
इस दौरान कई बार फसलों की सिंचाई भी की गयी. मगर कोई खास लाभ नहीं हुआ. किसानों ने बताया कि एक तो नमी के अभाव में पहले खेतों की पटवन कर फसलों की बुआई की गयी. जिससे गेहूं और मक्के की बुआई देर से हुई. वही बाद में भी प्रतिकूल मौसम होने की वजह से पौधें पीले पड़ने लगे. दाने पुष्ट नहीं होने से उत्पादन पर व्यापक असर पड़ा है.लागत खर्च भी निकालना हुआ मुश्किल
किसानों का कहना है की फसल के उत्पादन को देख लागत खर्च भी निकालना मुश्किल हो गया है. आमतौर पर मक्के और गेहूं की उपज प्रतकट्ठा 60-70 किलोग्राम होता है जो इसबार महज 40-45 किलो ही हो रहा है. खर्च की परवाह किये वगैर किसानो ने महंगे ब्रांड के संकर बीज की रोपाई की ताकि उत्पादन बेहतर हो सके. मगर प्रतिकूल मौसम ने किसानो की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. ऐसे में अब कर्ज की अदायगी कैसे होगी और आगामी खरीफ फसल के लिये पूंजी का प्रबंध कहा से होगी को लेकर किसानो के माथे पर चिंता की लकीर खींच गयी .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है