छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में अखिल भारतीय दर्शन परिषदके 70वें अधिवेशन के सफल आयोजन को लेकर सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी. बैठक की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो सुशील श्रीवास्तव ने की. बैठक में पूर्व अध्यक्ष प्रो रामनाथ प्रसाद, प्रो हरिश्चंद्र तथा विद्या भवन महिला महाविद्यालय, सिवान के प्राचार्य प्रो चंद्र भूषण सिंह ने अपने विचार साझा किये. साथ ही छपरा, सिवान और गोपालगंज जिलों से दर्शनशास्त्र के कई शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित हुए. प्रो हरिश्चंद्र ने अधिवेशन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि कुलपति प्रो परमेन्द्र कुमार बाजपेई की प्रेरणा से ही इस महत्वपूर्ण अधिवेशन की मेजबानी जयप्रकाश विश्वविद्यालय को मिली है. उन्होंने आयोजन की जिम्मेदारियों और विभिन्न समितियों की रूपरेखा साझा की. पूर्व अध्यक्ष प्रो रामनाथ प्रसाद ने अधिवेशन के अकादमिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बताया. वहीं, प्रो चंद्र भूषण सिंह ने दर्शनशास्त्र विषय की समकालीन प्रासंगिकता और समाज में उसकी भूमिका पर विस्तार से बात की. दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो सुशील श्रीवास्तव ने सभी शिक्षकों से समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट साझा करने की अपील की और अधिवेशन के प्रत्येक पहलू पर समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया. इस अवसर पर डॉ अमृतलाल विश्वकर्मा ने भी विचार रखे. बैठक में डॉ मधुबाला कुमारी, डॉ रीता शर्मा, सीमा सिंह, डॉ सुबोध कुमार, डॉ एएच परवेज, प्रवीण पांडेय, अमृता कुमारी, डॉ सुधांशु शेखर, डॉ संजय कुमार, डॉ मनोज कुमार, डॉ देवेश रंजन, डॉ प्रियदर्शी सौरभ, डॉ शैलेश कुमार सिंह, डॉ राजीव रंजन पांडेय, डॉ श्रीभगवान ठाकुर और डॉ अनुराधा अग्रवाल सहित अन्य शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता रही. बैठक का मुख्य उद्देश्य अधिवेशन को शैक्षणिक, बौद्धिक और प्रशासनिक रूप से सफल बनाना था. सभी शिक्षकों ने इसे विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा से जोड़ते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.
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