छपरा. सदर अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आ रही है. अस्पताल परिसर में जगह-जगह लगाये गये सीसीटीवी कैमरे सिर्फ औपचारिकता भर बनकर रह गये हैं. इन कैमरों की निगरानी व्यवस्था केवल कार्यालय तक सीमित है, जिससे घटनाओं के बाद अभियुक्तों की पहचान तो हो जाती है, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. पूर्व में भी कई बार मारपीट की घटनाएं घटित हुई. लेकिन उन मामलों में किसी भी तरह की कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है. अस्पताल परिसर में गोलीकांड से लेकर चाकूबाजी तक की घटना घटित हो चुकी है. कई बार मरीज की मौत के बाद ड्रेसिंग कक्ष समेत चिकित्सक कक्ष को भी क्षतिग्रस्त किया जा चुका है. वहीं कई ऐसे मामलों में जहां मरीज की मौत के बाद चिकित्सक अपने चेंबर छोड़कर दलाल के साथ फरार हो जाते हैं. चार दिन पूर्व इलाज में लापरवाही के कारण एक मरीज की मौत हो गयी थी. जिसके बाद अस्पताल परिसर में मृतक परिजनों और दलालों के बीच मारपीट की घटना हुई. इस मामले में पीड़ित परिवार ने दो चिकित्सकों समेत तीन दलालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. बावजूद इसके पुलिस अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. हैरानी की बात यह है कि नामजद अभियुक्त पुलिस के सामने ही अस्पताल परिसर में खुलेआम घूमते देखे जा रहे हैं. अस्पताल में दलालों की सक्रियता लगातार बनी हुई है. मरीजों को निजी क्लीनिकों में रेफर करने का खेल खुलेआम चल रहा है, जिससे न केवल मरीजों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है, बल्कि अस्पताल की साख पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस और अस्पताल प्रशासन की चुप्पी ने आम जनता का भरोसा डगमगा दिया है.मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर यूनिट के निर्माण के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अस्पताल व्यवस्था में सुधार होगा और दलालों से निजात मिलेगी, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. इस संदर्भ में पूछे जाने पर अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे से पूरे अस्पताल की निगरानी करायी जा रही है. जब भी कोई घटना होती है. तो पुलिस को फुटेज भी उपलब्ध कराया जाता है. जिसके आधार पर कार्रवाई होती है. सीसीटीवी के माध्यम से दलालों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है.
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