22.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

हर रोज बाबा हरिहरनाथ के दरबार पहुंचती है स्विट्जरलैंड की भक्त, भगवान शिव से करती हैं बात

Bihar News: नौकरी की तलाश में सुशी मॉरिशस से दिल्ली होते हुए बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर पहुंची थी. दो साल पहले वह यही सोच कर सोनपुर पहुंची थी कि यहां वह थियेटर में ठुमके लगाकर पैसे कमाएगी, लेकिन बाबा हरिहरनाथ के दरबार में पहुंचते ही उसकी पूरी दुनिया ही बदल गई.

Bihar News: नौकरी की तलाश में सुशी मॉरिशस से दिल्ली होते हुए बिहार के सारण जिले में स्थित सोनपुर पहुंची थी. दो साल पहले वह यही सोच कर सोनपुर पहुंची थी कि यहां वह थियेटर में ठुमके लगाकर पैसे कमाएगी. इसके बाद वह ग्लैमर की दुनिया में अपने अभिनय व डांस का जलवा बिखेरेगी. लेकिन बाबा हरिहरनाथ के दरबार में पहुंचते ही उसकी पूरी दुनिया ही बदल गई.

शिव की भक्त बनी विदेशी युवती

अब सुशी ने ग्लैमर की चकाचौंध को पूरी तरह त्याग दिया है. अभी आपको सुशी के गले में कंठी की माला नजर आएगी. साथ ही उन्होंने तामसी भोजन से भी दूरी बना ली है. सुशी को अगर किसी तरह की दिक्कत होती है तो वह बाबा हरिहरनाथ के दरबार में जाकर उनसे बात करती हैं. उनका कहना है कि कोई भी समस्या होने पर बाबा उसे माधान बताते हैं.

बाबा की भक्ति में लीन भक्त

सोनपुर के बाबा हरिहरनाथ के भक्त वैसे तो पूरी दुनिया में मिलते हैं. यहां देश के विभिन्न राज्यों से तो भक्त दर्शन के लिए आते ही हैं. कई बार यहां अलग-अलग देशों से भी भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. उन्हीं भक्तों में से एक हैं सुशी ब्रास (20) है. पिछले दो महीने से वह बाबा हरिहरनाथ मंदिर के पास किराए के मकान में रह रही हैं और बाबा की भक्ति में लीन हो चुकी हैं.

मंदिर में आती है पॉजिटिव वाइब्स

इस विदेशी भक्त सुशी ब्रास का कहना है कि यहां से पॉजिटिव वाइब्स आती है, इसीलिए मैं यहीं किराए के मकान में रहती हूं. मैं अक्सर बाबा हरिहरनाथ मंदिर में आती हूं. गंगा और गंडक के तट पर भी जाकर मैं घंटो बैठती हूं.

कौन हैं सुशी ब्रास?

सुशी लगभग 2 वर्ष पहले भारत आई थी. माता-पिता की मौत के बाद वह स्विट्जरलैंड में अकेली पड़ गई थी. वहां से सुशी काम की तलाश में भारत पहुंची. 2 साल पहले वह दिल्ली के नोएडा पहुंची थी. वहां से वह सोनपुर पहुंची और एक थिएटर से अपना करियर स्टार्ट किया. हालांकि इस थियेटर में वह महज 7 दिनों तक बतौर नर्तकी काम कर सकी इसके बाद वह बीमार पड़ गई. बीमार पड़ने के बाद उनका काम छूट गया.

एक्टिंग के लिए पहुंची थिएटर

सुशी का कहना है कि वह एक्टर बनना चाहती हैं, इसलिए वह सोनपुर के शोभा सम्राट थिएटर में आई. थिएटर में काम करने के बाद सुशी बीमार पड़ गई थी. इलाज के बाद वह घूमने बाबा हरिहरनाथ मंदिर पहुंची. इसके बाद वह बाबा हरिहरनाथ की भक्ति रस में लीन हो गई. सुशी का कहना है कि उसे हरिहरनाथ बाबा से बहुत पॉजिटिव फीलिंग आती है. सावन के महीने में वह वहां घूमने आई थी और वहां मंदिर में घूमी तो सुशी को बहुत अच्छा लगा.

बाबा हरिहरनाथ से साझा करती हैं अपनी बातें

सुशी कहती हैं कि जब भी उन्हें किसी तरह की परेशानी होती है तो वह बाबा हरिहरनाथ से शेयर करना ज्यादा बेहतर समझती हैं. उनका मानना है कि लोगों के सामने शेयर करेंगे तो लोग मजाक बनाएंगे. जबकि, बाबा बहुत अच्छे से सुनते हैं और बाबा के साथ उनका दिल से कनेक्शन है.

भारतीय थे सुशी के पिता

सुशी के पिता कृष्णा पांडे भारतीय थे. कृष्णा पांडे दिल्ली के रहने वाले थे और करीब 25 वर्ष पहले वह स्विट्जरलैंड गए थे. वहां उनकी मुलाकात सुशी की मां से हुई और दोनों की शादी हो गई. सुशी का  स्विट्जरलैंड में नैनारा वोसिस्ट में घर है. उनका कहना है कि माता-पिता के बारे में मुझे ज्यादा पता नहीं है क्योंकि 2011 के कार एक्सीडेंट दोनों की मौत हो गई थी. वह सिर्फ इतना जानती हैं कि बिजनेस के सिलसिले में पापा गए थे तो मुलाकात हुई थी फिर वहीं रह गए.

फिल्मों में काम करना चाहती हैं सुशी

सुशी फिल्मों में काम करना चाहती हैं लेकिन किसी भी भाषा से परहेज नहीं है. यहां उनका ऐसा कोई टारगेट नहीं है कि हिंदी या भोजपुरी करना है. उन्हें जिसमें काम मिलेगा, वहीं कर लेगी. इसके लिए कोई टारगेट नहीं रखा है.

ओम नमः शिवाय मंत्र का करती हैं जाप

वह ओम नमः शिवाय का जाप करती हैं. यह मंत्र जाप कर उन्हें बहुत सुकून मिलता है. वहीं स्विट्जरलैंड के बारे में वह कहती हैं कि वहां 50 प्रतिशत हिंदू और 50 प्रतिशत क्रिश्चियन धर्म के लोग हैं. इसी कारण उन्हें  पूजा पाठ का संस्कार स्विट्जरलैंड से प्राप्त हुआ है. सुशी कहती हैं कि मुझे यहां का कल्चर नहीं पता है, लेकिन मैं धीरे-धीरे जान रही हूं.

इंडिया में बदला नाम

इंडिया में अपने पिता का सरनेम यूज कर उन्होंने अपना नाम माही पांडे रखा है. नाम बदलने का उद्देश्य लोगों के साथ उसकी कनेक्टिविटी अच्छी होना है. उनका ओरिजिनल नाम सुशी ब्रास है. यह स्विट्जरलैंड का नाम है और इंडिया में माही पांडे है.

क्या कहते हैं पुजारी

मंदिर के पुजारी का कहना है कि दर्शन पूजन के लिए बाबा हरिदास मंदिर में कई देशों से लोग आते हैं. यह बहुत बड़ी बात है कि स्विट्जरलैंड से लोग यहां पूजा करने आते हैं. गले में वह तुलसी की माला पहनती हैं और वह दर्शन करने हमेशा मंदिर आती हैं, लेकिन मुझसे बातचीत नहीं होती है. मैंने कई बार उसको देखा है.

बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें

शूटिंग में उमड़ती है भीड़

बता दें कि हाजीपुर के राजापाकर में सुशी एक शॉर्ट मूवी में काम करने गई थी. जागरूकता फैलाने वाले इस शॉर्ट मूवी में सुशी ऑटो से गई थी. यहां उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. सुशी ने वहां पहली बार ग्रामीण चूल्हा और ग्रामीण माहौल देखा. शराबबंदी के खिलाफ इस शॉर्ट मूवी के जरिए सुशी लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के काम कर रही हैं.

इसे भी पढ़ें: अब सरपट दौड़ेंगे वाहन, बिहार के इस जिले में 29 करोड़ से चौड़ी होगी सड़क

Rani Thakur
Rani Thakur
रानी ठाकुर पत्रकारिता के क्षेत्र में साल 2011 से सक्रिय हैं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में लाइफस्टाइल के लिए काम कर रहीं हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel