कवायद. वैट नंबर नहीं देनेवाले व्यवसायियों पर कार्रवाई
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128 प्रतिष्ठानों का हुआ सर्वे
कवायद. वैट नंबर नहीं देनेवाले व्यवसायियों पर कार्रवाई विभिन्न व्यवसायियों के प्रतिष्ठान का सर्वे कर रही हैं वाणिज्य कर विभाग की टीमें छपरा (सदर) : वाणिज्य कर विभाग के द्वारा जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न व्यवसाय करनेवाले वैसे व्यवसायी, जिन्होंने अपनी दुकान का सर्वे करा कर वैट नंबर नहीं लिया है. […]
विभिन्न व्यवसायियों के प्रतिष्ठान का सर्वे कर रही हैं वाणिज्य कर विभाग की टीमें
छपरा (सदर) : वाणिज्य कर विभाग के द्वारा जिले के शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में विभिन्न व्यवसाय करनेवाले वैसे व्यवसायी, जिन्होंने अपनी दुकान का सर्वे करा कर वैट नंबर नहीं लिया है. उनके विरुद्ध विभाग की पैनी नजर है. वाणिज्य कर उपायुक्त प्रभारी शंभु कुमार सिंह के अनुसार शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय का सर्वे किया जा रहा है. मई माह में 128 प्रतिष्ठानों का सर्वे किया गया है, जिनमें 26 मई तक साड़ी व्यवसाय वाले 42, दवा वाले 16, ज्वेलरी तथा मिठाई वाले एक-एक तथा अन्य विभिन्न व्यवसाय की 68 दुकानें शामिल हैं. इनमें कपड़ा व्यवसाय वाले 19 व्यवसायियों ने वैट नंबर भी विभागीय निर्देश के आलोक में सर्वेक्षण के बाद ले लिया है.
वैट नंबर नहीं लेने पर दुगना जुर्माना भरना होगा : वाणिज्य कर विभाग ने सभी व्यवसाय करनेवालों लोगों को नोटिस दिया है कि वे हर हाल में वैट नंबर ले लें. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो विभागीय धारा 28 के तहत पकड़े जाने पर लगने वाले वास्तविक बिक्री कर का दोगुना जुर्माना देना होगा. सर्वे के दौरान ऐसे दुकानदारों को निर्देशित किया जा रहा है कि वे एक सप्ताह के अंदर वैट नंबर ले लें, अन्यथा उनके विरुद्ध जुर्माना की कार्रवाई की जायेगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्वे की हो रही तैयारी
सर्वे के दौरान व्यावसायिक प्रतिष्ठान पर कई बिंदुओं पर ली जाती है जानकारी :
आयकर विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार सर्वें के दौरान बाजार का नाम, सर्वेक्षण की तिथि, सर्वेक्षण करने वाले पदाधिकारी का नाम एवं पदनाम, व्यवसाय स्थल का नाम एवं पूरा पता, व्यवसाय स्वामी का नाम एवं मोबाइल नंबर, दुकान की संख्या या होल्डिंग नंबर, फर्जी या बेची जाने वाली वस्तुएं, व्यवसाय का आकार, आयकर, पैन नंबर, दुकान एवं प्रतिष्ठान का लाइसेंस, माप-तौल विभाग का लाइसेंस, श्रम नियोजन विभाग का लाइसेंस, उद्योग विभाग का लाइसेंस, व्यवसाय स्थल पर कार्यरत कर्मियों की संख्या, व्यवसायिक के बैंक का नाम एवं खाता संख्या, औसत मासिक अनुमानित बिक्री, विगत 12 महीने की अनुमानित बिक्री आदि का आंकड़ा पदाधिकारी एकत्र करते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
विभागीय निर्देश के आलोक में पहले शहर में विभिन्न प्रतिष्ठानों का सर्वे किया जा रहा है. इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी सर्वे किया जायेगा. सर्वे के बाद निर्धारित समय में आवेदन देकर वैट नहीं लेनेवाले व्यवसायियों से वाणिज्य की धारा 28 के तहत जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए पूर्व में भी व्यवसायियों को नोटिस भेजा जा चुका है.
शंभु कुमार सिंह, उपायुक्त (प्रभारी), वाणिज्यकर अंचल, सारण
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